Sat, 06 Sep 2025 11:14:18 - By : Garima Mishra
वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र के कांशीराम आवास कॉलोनी में शनिवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब 55 वर्षीय सफाईकर्मी सुरेश जायसवाल ने कर्ज के दबाव में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में सन्नाटा छा गया और परिजनों में चीख पुकार मच गई। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना ने फिर से समाज में बढ़ते कर्ज और वसूली के दबाव के कारण लोगों के मानसिक हालात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, कांशीराम आवास कॉलोनी निवासी सुरेश जायसवाल नगर निगम में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत थे। घरवालों ने बताया कि सुरेश पर करीब दस लाख रुपये का कर्ज था। इस कर्ज को लेकर वसूली करने वाले लोग अक्सर उनके घर पहुंच जाते थे और लगातार पैसों की मांग करते हुए धमकियां देते थे। रोजाना बढ़ते तनाव और दबाव के कारण सुरेश गहरे मानसिक अवसाद में चले गए थे। बेटी सरस्वती ने पुलिस को बताया कि उनके पिता अब और यह बोझ सहन नहीं कर पा रहे थे और इसी कारण उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।
घटना के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सुरेश की पत्नी कमल और बेटी सरस्वती का रो रोकर बुरा हाल है। आस पड़ोस के लोग भी इस दुखद घटना से गहरे सदमे में हैं और परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं। लोग यह भी कह रहे हैं कि समाज में कर्ज वसूली के दबाव से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए ठोस व्यवस्था होनी चाहिए, वरना इस तरह की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।
इंस्पेक्टर शिवपुर जगदीश कुशवाहा ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और यह भी पता लगाया जाएगा कि सुरेश पर इतना बड़ा कर्ज कैसे चढ़ा और किन लोगों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था। इस मामले ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कर्ज और वसूली के चंगुल में फंसे लोग किस तरह मानसिक पीड़ा झेलते हैं और आखिरकार आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।