Sun, 21 Sep 2025 11:25:46 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की आत्मा की शांति के लिए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर रविवार को विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया गया। गंगा तट पर पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म सम्पन्न हुए। गंगा की धारा के किनारे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वातावरण गमगीन हो उठा और उपस्थित श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां और दीप प्रवाहित कर मृतकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
इस आयोजन का नेतृत्व गंगोत्री सेवा समिति ने किया। कार्यक्रम में स्थानीय पुजारियों, सामाजिक संगठनों और बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए। वैदिक ब्राह्मणों ने विधिपूर्वक हवन और पिंडदान कराया। इस दौरान गंगा तट पर शांति मंत्र गूंजे और हर किसी की आंखों में हमले की पीड़ा और मृतकों के लिए संवेदना झलक रही थी।
सीताराम पाठक ने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक कर्मकांड तक सीमित नहीं है बल्कि देश की एकजुटता और मानवता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि काशीवासियों की ओर से हम उन सभी निर्दोष लोगों को नमन करते हैं जिनकी जान इस नृशंस आतंकी हमले में चली गई। उन्होंने यह भी कहा कि काशी करुणा और संवेदना की राजधानी है और यहां से पूरे देश को यह संदेश जाना चाहिए कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता और हम सब भारतीय एक हैं।
इस अनुष्ठान में कुल 26 मृतकों का तर्पण किया गया। इनमें मन्जुनाथ राव, कॉर्पोरल टेज हाइलयांग, दिनेश मिरानिया, एन. रामचन्द्रन, हेमंत जोशी, अतुल मोने, संजय लेले, सुशील नथानिएल, बिटन अधिकारी, सैयद आदिल हुसैन शाह, दिलीप देसले, सन्तोष जगदेले, कौस्तुभ गनबोटे, शैलेशभाई कलाठिया, यतिशभाई परमार, सुमित परमार, मनीष रंजन, सोमिसेट्टी मधुसूदन राव, सुदीप न्यौपाने, नीरज उद्धवानी, प्रशांत सतपथ्य, भरत भूषण, शुभम द्विवेदी, समीर गूहा, विनय नरवाल और जे.एस. चन्द्रमौली के नाम शामिल थे।
श्रद्धालुओं ने गंगा में पुष्प और दीप अर्पित कर मृतकों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना की। आयोजन के दौरान हमले की कठोर निंदा की गई और लोगों ने यह संकल्प लिया कि आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और मजबूत होनी चाहिए।