Fri, 14 Nov 2025 15:54:36 - By : Tanishka upadhyay
योगी सरकार ने राज्य के हजारों किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा पेश किया है। वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान यानी पीएम कुसुम योजना के तहत बचे हुए सोलर पंपों की स्थापना का लक्ष्य अब इसी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। सरकार का कहना है कि इस फैसले से प्रदेश के लगभग 40521 किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और सिंचाई के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019-20 से केंद्र सरकार के सहयोग से पीएम कुसुम योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना में दो हार्सपावर से लेकर 7.5 हार्सपावर तक के सोलर पंप लगाने पर किसानों को कुल लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा 10 हार्सपावर के सोलर पंप स्थापित करने पर भी 7.5 हार्सपावर पंप के बराबर ही अनुदान मिल रहा है जिससे बड़े और छोटे दोनों श्रेणी के किसानों को लाभ मिलता है। सरकार के अनुसार वर्ष 2020-21 से मार्च 2025 तक प्रदेश में कुल 63,345 सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। इनसे करीब 1.49 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित हुई है। साथ ही प्रति वर्ष लगभग 5483.98 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है और कार्बन उत्सर्जन में भी प्रतिवर्ष 1.26 लाख टन की कमी आई है। इतना ही नहीं, डीजल पंपों के स्थान पर सोलर पंप अपनाने से हर साल लगभग 877.50 लाख लीटर डीजल की भी बचत हो रही है जो पर्यावरण और किसानों दोनों के लिए बड़ा लाभ है।
सरकार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28,811 कृषक प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के सोलर पंप स्थापित कर दिए गए थे, लेकिन 40,521 पंपों की स्थापना का लक्ष्य अभी पूरा होना बाकी था। इसी बीच मौजूदा वित्तीय वर्ष में 45 हजार सोलर पंप लगाने का नया लक्ष्य तय किया गया है। कृषि विभाग ने प्रस्ताव दिया था कि पिछले वित्त वर्ष के अधूरे लक्ष्यों को भी चालू वर्ष में पूरा किया जाए। शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी, जिससे अब यह साफ है कि आने वाले महीनों में सोलर पंप स्थापना की गति और अधिक तेज होगी।
कृषि विभाग के अनुसार इन सोलर पंपों की स्थापना के लिए किसानों का चयन विभाग के पोर्टल पर टोकन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। आवेदन के समय किसान को पांच हजार रुपये टोकन मनी के रूप में ऑनलाइन जमा करने होंगे। जिलावार और क्षमता के अनुसार तय की गई लक्ष्य सीमा के भीतर ही बुकिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग का कहना है कि यह व्यवस्था पारदर्शिता बढ़ाएगी और अधिक किसानों को समान अवसर मिल सकेगा।
सरकार का मानना है कि सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई न केवल किसानों के खर्च को कम करती है बल्कि लंबे समय में खेती को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल बनाती है। आने वाले समय में प्रदेश में सोलर पंपों की संख्या बढ़ने से ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी और कृषि उत्पादन को नई दिशा मिलेगी। यह फैसला किसानों की आर्थिक मजबूती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।