Tue, 22 Jul 2025 21:12:59 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: महिला सशक्तीकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण और दूरगामी असर डालने वाला निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम लोकभवन में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है जो राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बना सकता है। सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि राज्य में किसी महिला के नाम एक करोड़ रुपये तक मूल्य की संपत्ति जैसे मकान या जमीन की रजिस्ट्री कराई जाती है, तो उस पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की विशेष छूट मिलेगी।
अब तक यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की संपत्तियों पर लागू होती थी, जिसमें अधिकतम 10 हजार रुपये की रियायत मिलती थी। लेकिन सरकार ने महिला हित में यह सीमा 10 लाख से बढ़ाकर सीधे 1 करोड़ रुपये तक कर दी है। इसका मतलब है कि महिलाएं अब अधिक मूल्य की संपत्ति पर अधिकतम एक लाख रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकेंगी। यह छूट राज्य में चलाए जा रहे 'मिशन शक्ति' कार्यक्रम के तहत महिला सशक्तीकरण को गति देने में भी सहायक मानी जा रही है।
कैबिनेट बैठक में कुल 37 प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया, जिनमें विधानसभा के आगामी मानसून सत्र की शुरुआत 11 अगस्त से करने का फैसला भी शामिल है। प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस निर्णय का सीधा लाभ राज्य की मध्यम वर्गीय महिलाओं को मिलेगा, जो सीमित संसाधनों के बावजूद आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इस नीति से महिलाओं का आत्मबल और सामाजिक प्रतिष्ठा दोनों बढ़ेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम महिलाओं के नाम पर संपत्ति पंजीकरण को प्रोत्साहित करेगा, जिससे न केवल महिलाओं की संपत्ति में भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक निर्णयों में भी उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होगी। इसके सामाजिक प्रभाव भी दूरगामी हो सकते हैं, क्योंकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं को पारिवारिक और कानूनी रूप से सशक्त बनाने में यह नीति अहम भूमिका निभा सकती है।
गौरतलब है कि बजट 2024 के दौरान केंद्र सरकार ने भी महिलाओं के नाम निष्पादित संपत्ति विलेखों पर स्टाम्प शुल्क में रियायत देने की मंशा जाहिर की थी। उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय उसी नीति का प्रभावी अनुपालन माना जा रहा है। इससे राज्य में महिलाओं को संपत्ति पर स्वामित्व की दिशा में वास्तविक और टिकाऊ प्रोत्साहन मिलेगा।
राजस्व विभाग के अनुसार, इस पहल से महिलाओं के नाम संपत्ति पंजीकरण की दर में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। वहीं वित्तीय विशेषज्ञों का भी मानना है कि यह योजना राज्य सरकार की राजस्व आय पर सीमित असर डालेगी, लेकिन सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता की दिशा में यह एक ठोस और प्रशंसनीय कदम है।
सच मायने में कहें तो योगी सरकार का यह फैसला महिला सशक्तीकरण की दिशा में न केवल एक आर्थिक राहत है, बल्कि यह सामाजिक दृष्टिकोण से भी महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करता है। आने वाले समय में इसके व्यापक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, जिससे महिलाओं की भूमिका केवल घर की सीमाओं तक नहीं, बल्कि संपत्ति और समाज में निर्णायक हो सकेगी।