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वाराणसी: आंगनबाडी कार्यकर्ता की हत्या, घर के भीतर बंद कमरे से मिला खून से लथपथ शव

वाराणसी: आंगनबाडी कार्यकर्ता की हत्या, घर के भीतर बंद कमरे से मिला खून से लथपथ शव

वाराणसी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की संदिग्ध हत्या, कातिल ने वारदात के बाद मोबाइल से खींची खून सनी तस्वीरें

वाराणसी में गुरुवार सुबह एक आंगनबाडी कार्यकर्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। शिवपुर थाना क्षेत्र के लच्छिमनपुर में रहने वाली अनुपमा पटेल को उनके ही घर के एक कमरे में खून से लथपथ हालत में पाया गया। घटना उस समय सामने आई जब सुबह करीब दस बजे उनके पति शैलेश दूध सप्लाई का काम निपटाकर लौटे और घर का मुख्य दरवाजा खुला हुआ देखा। वह अंदर पहुंचे तो पत्नी नहीं मिली। बाहर के एक कमरे की कुंडी बंद थी। कुंडी खोलते ही उन्हें पत्नी का शव दिखाई दिया। शैलेश रोते हुए बाहर आए तो मोहल्ले के लोग भी मौके पर पहुंच गए और पुलिस को सूचना दी गई।

प्रारंभिक जांच में पुलिस को शव के पास अनुपमा का मोबाइल फोन मिला जो लॉक स्थिति में था। पति की मदद से फोन खोला गया तो एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। कातिल ने हत्या के बाद महिला की खून से सनी तस्वीरें मोबाइल से खींची थीं और फोन वहीं छोड़कर फरार हो गया था। यह पहलू पुलिस के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल बन गया है कि आरोपी ने हत्या के बाद ऐसा कृत्य क्यों किया। इसी आधार पर पुलिस दो दिशाओं में जांच आगे बढ़ा रही है। पहला, पति और पड़ोसियों से लगातार पूछताछ कर रही है। दूसरा, मोबाइल के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि पीड़िता से हाल में किसका संपर्क था। यह आशंका जताई जा रही है कि किसी निजी संबंध या तनाव के कारण भी हत्या की जा सकती है।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं। पुलिस ने पति शैलेश के फिंगर प्रिंट भी लिए हैं ताकि किसी भी तरह की समानता या विसंगति की जांच की जा सके। प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट है कि महिला के सिर पर किसी भारी वस्तु से कई वार किए गए। पीड़िता के कानों के झुमके या बाली भी गायब थे और कान फटे हुए मिले जिससे लगता है कि उन्हें जोर से खींचा गया। पुलिस का अनुमान है कि हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है और हत्यारा घर की बनावट और दिनचर्या से परिचित हो सकता है, क्योंकि मोहल्ले में किसी ने कोई शोर या चीख सुनने का दावा नहीं किया है।

शैलेश ने बताया कि वे रोज की तरह सुबह पांच बजे दूध के पैकेट लेने घर से निकले थे। पत्नी उन्हें बाइक तक छोड़ने बाहर आई थीं और उस समय घर में सफाई कर रही थीं। लगभग साढ़े छह बजे एक बच्चा दूध लेने आया था जिसने अनुपमा से दस रुपये का दूध लिया। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की लेकिन वह किसी संदिग्ध गतिविधि की पुष्टि नहीं कर सका। इसके बाद क्या हुआ, इसका कोई सटीक सुराग अभी तक नहीं मिला है।

पुलिस ने घर के पास मौजूद सीसीटीवी कैमरों के फुटेज कब्जे में लिए हैं और पति के रूट की भी जांच कर रही है ताकि उनके सुबह पांच बजे से दस बजे के बीच के समय को सत्यापित किया जा सके। घर में रखी नकदी, गहने और अन्य कीमती सामान की भी जानकारी एकत्र की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि घटना में लूट का इरादा था या रंजिश के चलते उन्हें निशाना बनाया गया। पुलिसिया संदेह के दायरे में पति भी शामिल है लेकिन जांच अभी शुरुआती चरण में है।

अनुपमा पटेल उर्फ सीता की उम्र लगभग पैंतालीस वर्ष थी और वह बनारस के खजुरी केंद्र पर आंगनबाडी वर्कर के रूप में तैनात थीं। उनका मायका भी खजुरी क्षेत्र में ही है। वह अपने पति के साथ लच्छिमनपुर में रहती थीं। दोनों की शादी लगभग दस वर्ष पहले हुई थी और उनकी कोई संतान नहीं है। घटना के बाद परिवार गहरे सदमे में है। पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे जा रहे शव से शैलेश का बिलखकर लिपट जाना पूरे माहौल को और भी भावुक बना गया।

फिलहाल पुलिस सभी संभावित एंगल पर जांच कर रही है और अपराधी तक पहुंचने के लिए तकनीकी और मानवीय दोनों तरह के इनपुट की मदद ले रही है। यह स्पष्ट है कि हत्या अत्यंत क्रूरता के साथ की गई है और आरोपी पीड़िता से परिचित हो सकता है।

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