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वाराणसी: बनारस रेलवे स्टेशन का कोड BSBS से बदलकर BNRS हुआ, 1 दिसंबर से होगा लागू

वाराणसी: बनारस रेलवे स्टेशन का कोड BSBS से बदलकर BNRS हुआ, 1 दिसंबर से होगा लागू

वाराणसी मंडल ने बनारस रेलवे स्टेशन का कोड BSBS से बदलकर BNRS किया है, यह बदलाव 1 दिसंबर 2025 से लागू होगा जिससे बुकिंग में भ्रम दूर होगा।

वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल ने यात्रियों की सुविधा और बुकिंग संबंधी भ्रम को दूर करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसला लिया है। बनारस रेलवे स्टेशन जिसे पहले मंडुआडीह के नाम से जाना जाता था। उसका स्टेशन कोड BSBS से बदलकर अब BNRS कर दिया गया है। यह नया कोड 1 दिसंबर 2025 से पूरे रेलवे नेटवर्क में लागू हो जाएगा। इस निर्णय के साथ रेलवे ने उन तकनीकी और व्यावहारिक समस्याओं को संबोधित करने का प्रयास किया है, जो वर्षों से यात्रियों और बुकिंग विभाग को परेशान कर रही थीं।

क्यों हुआ कोड में बदलाव पृष्ठभूमि और वास्तविक वजहें
बनारस स्टेशन के पुराने कोड BSBS का देशभर में इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य स्टेशन कोडों, विशेषकर वाराणसी जंक्शन (कैंट) का स्टेशन कोड BSB, से काफी मेल था। दोनों के बीच अल्फ़ाबेटिकल समानता के कारण टिकट बुकिंग में बार-बार भ्रम की स्थिति पैदा होती थी। यात्री कई बार गलत स्टेशन को चुन लेते थे, जिसके चलते ग़लत टिकट जारी हो जाते थे और बाद में उन्हें यात्रा के समय बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता था।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, तकनीकी सिस्टम जैसे कि IRCTC ऐप, काउंटर बुकिंग, NTES और रेलवे कियोस्क बार-बार कोड की समानता के कारण गलत विकल्प सुझा देते थे। इसलिए BNRS जैसे स्पष्ट और विशिष्ट कोड को अपनाना आवश्यक था ताकि यात्रियों को बिना हिचक सही स्टेशन चुनने में आसानी हो सके।

टिकटिंग सिस्टम और डिजिटल प्लेटफॉर्म में व्यापक अपडेट
रेलवे ने बताया है कि नया कोड BNRS पूरे नेटवर्क में अपडेट कर दिया गया है। IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप NTES, स्टेशन टिकट काउंटर, PRS (Passenger Reservation System), रेलवे के स्वचालित टिकट कियोस्क।
ये सभी प्लेटफॉर्म अब BNRS को प्रदर्शित करेंगे। यात्रियों को 1 दिसंबर के बाद किसी भी टिकट बुकिंग के दौरान इस नए कोड का ही उपयोग करना होगा।

स्टेशन की पहचान और इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
बनारस स्टेशन उत्तर-पूर्वी रेलवे के वाराणसी मंडल का एक प्रमुख और व्यस्त स्टेशन है। जुलाई 2021 में इस स्टेशन का नाम मंडुआडीह से बदलकर “बनारस” कर दिया गया था, जिसने इसकी सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया। नाम परिवर्तन के दौरान रेलवे ने स्टेशन बोर्डों पर हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और संस्कृत में “बनारस” लिखकर शहर की बहुभाषी और सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मान दिया था।

साल 2021 के नाम परिवर्तन के बाद स्टेशन का आधुनिकीकरण भी तेजी से किया गया। प्लेटफॉर्म के विस्तार, नए प्रतीक्षा कक्षों, एस्केलेटर, लिफ्ट, पार्किंग विस्तार, साफ-सफाई और यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ इसे एक मॉडल स्टेशन का रूप दिया गया है।

रेलवे अधिकारियों का बयान
उत्तर-पूर्वी रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि नया स्टेशन कोड BNRS यात्रियों के लिए ज्यादा स्पष्ट और उपयोगी है। उन्होंने बताया कि कोड बदलाव की प्रक्रिया पूरी तरह से तकनीकी और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि सभी बुकिंग प्लेटफॉर्म को अपडेट कर देने के बाद अब यात्रियों से यह अपेक्षा है कि वे भविष्य की बुकिंग करते समय नए कोड का इस्तेमाल करना सुनिश्चित करें।

यात्रियों के लिए आवश्यक निर्देश
1 दिसंबर 2025 से BNRS ही नया कोड रहेगा, पुराना कोड BSBS अब सिस्टम में सक्रिय नहीं रहेगा। पहले से बुक किए गए टिकट प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन यात्री अपने टिकट को एक बार पुनः जांच लें। ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बुक करते समय स्टेशन कोड चुनने में सावधानी बरतें। NTES और IRCTC पर स्टेशन सर्च करते समय "Banaras BNRS" दिखाई देगा।

इस बदलाव का व्यापक असर
बनारस स्टेशन कोड परिवर्तन रेलवे प्रशासन की उस सतत प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। सिस्टम में स्पष्टता आने से न केवल बुकिंग में त्रुटियाँ कम होंगी, बल्कि संचालन में भी दक्षता बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव शहर के परिवहन ढांचे को और सुगठित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

बनारस जैसा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाला शहर प्रतिदिन हजारों यात्रियों का स्वागत करता है। ऐसे में इसका स्टेशन कोड स्पष्ट, आधुनिक और उपयोगकर्ता-अनुकूल होना जरूरी भी था और समयोचित भी।

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