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भदोही: विधायक जाहिद बेग 317 दिन बाद नैनी जेल से रिहा हुए, बोले न्यायपालिका पर भरोसा

भदोही: विधायक जाहिद बेग 317 दिन बाद नैनी जेल से रिहा हुए, बोले न्यायपालिका पर भरोसा

मानव तस्करी आरोपों में बंद भदोही के सपा विधायक जाहिद बेग 317 दिन बाद नैनी जेल से रिहा हुए और उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसे की बात कही।

प्रयागराज/भदोही: मानव तस्करी के गंभीर आरोपों में जेल में बंद रहे भदोही के सपा विधायक जाहिद बेग को आखिरकार शनिवार को नैनी सेंट्रल जेल से रिहाई मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट से 23 जुलाई को जमानत मिलने के बाद कानूनी औपचारिकताओं के पूरा होने पर करीब एक सप्ताह बाद वे जेल से बाहर आए। विधायक की रिहाई को लेकर उनके समर्थकों में खासा उत्साह देखा गया। शनिवार सुबह समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव, विधानसभा अध्यक्ष संतोष यादव और उनके परिजन नैनी जेल पहुंचे और उन्हें लेकर भदोही रवाना हुए।

विधायक बेग अपने विधानसभा क्षेत्र दुर्गागंज के रास्ते भदोही पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोपहर करीब दो बजे वे अपने आवास पहुंचे और वहां आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर हमेशा पूरा भरोसा था, लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका लगभग एक वर्ष जेल में बीतना केवल एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा था और उनके क्षेत्र की जनता इस सच्चाई को भली-भांति जानती है।

विधायक ने कहा, "मैंने 317 दिन जेल में बिताए। इस दौरान सबसे बड़ी पीड़ा यह थी कि मैं अपने लोगों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और जनता से नहीं मिल पा रहा था। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर बेहद चिंतित था। यह मेरे लिए कठिन समय था, लेकिन मैंने समाजवादी आदर्शों को नहीं छोड़ा। समाजवादी संघर्षों से कभी पीछे नहीं हटते।"

गौरतलब है कि आठ सितंबर 2023 की रात को विधायक बेग के आवास में कार्यरत एक युवती ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। अगले दिन जब पुलिस उनके मलिकाना स्थित आवास पर पहुंची, तो दरवाजा तोड़कर युवती का शव बरामद किया गया। इसके साथ ही एक नाबालिग नौकरानी को भी मुक्त कराया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक के खिलाफ मानव तस्करी समेत अन्य धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज हुए थे।

पुलिस की बढ़ती दबिश और गिरफ्तारी की आशंका के बीच विधायक ने 19 सितंबर को जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। कुछ दिन उन्हें भदोही जिला कारागार में रखा गया, लेकिन बाद में उन्हें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। बीते सप्ताह हाईकोर्ट ने तीनों मामलों में अलग-अलग सुनवाई के बाद जमानत मंजूर की और शनिवार को तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

विधायक बेग ने अपने बयान में साफ कहा कि उन्हें किसी तरह की सफाई देने की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना था कि जिस प्रकार से मामला सामने लाया गया और जिस तरह की कार्रवाई हुई, वह सब उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने की साजिश थी। उन्होंने दोहराया कि समाजवादी पार्टी हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ी रही है और उनका संघर्ष जारी रहेगा।

रिहाई के बाद उन्होंने अपने आवास पर पहुंच कर समर्थकों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे। उन्होंने संकेत दिया कि अब वे पुनः क्षेत्रीय विकास कार्यों में पूरी तन्मयता से जुटेंगे। राजनीतिक हलकों में उनकी रिहाई को लेकर नई चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं, खासकर यह देखते हुए कि यह मामला 2027 के चुनावी परिदृश्य में किस प्रकार प्रभाव डालेगा।

जाहिद बेग की वापसी ने सपा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी है और पार्टी स्तर पर भी इसे एक नैतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल विधायक ने किसी कानूनी कार्रवाई की बात नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि वे जनता के बीच लौट आए हैं और उनका संघर्ष अब विकास की दिशा में होगा।

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