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वाराणसी: BHU में बढ़ेगी विदेशी छात्रों की सीटें, ड्युअल डिग्री प्रोग्राम और नए कोर्स पर मुहर

वाराणसी: BHU में बढ़ेगी विदेशी छात्रों की सीटें, ड्युअल डिग्री प्रोग्राम और नए कोर्स पर मुहर

बीएचयू की विद्वत परिषद ने 7.5 घंटे चली बैठक में नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी छात्रों की सीटें बढ़ाने समेत कई अहम फैसले लिए।

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। यह उनके कार्यकाल की दूसरी बैठक थी, जो दोपहर तीन बजे शुरू होकर देर रात तक चली। करीब साढ़े सात घंटे चली इस बैठक में नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत कई अहम शैक्षणिक फैसलों पर सहमति बनी। परिषद ने कुल सात बिंदुओं पर निर्णय लिया, जिनमें विदेशी छात्रों के लिए सीटें बढ़ाना, ड्युअल डिग्री प्रोग्राम की शुरुआत और नए कोर्सेज की मंजूरी जैसे प्रस्ताव शामिल थे।

बैठक में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक ढांचे से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई। फैकल्टी ऑफ मेडिसिन से दो नए डीएम कोर्सेज को मंजूरी दी गई है। इनमें डीएम पीडियाट्रिक एंड नियोनेटल एनेस्थीसिया और डीएम न्यूरो एनेस्थिसियोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर शामिल हैं। इसके अलावा रेडियो डायग्नोसिस एंड इमेजिंग विभाग में एक वर्षीय इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही जैव सांख्यिकी केंद्र को अपग्रेड कर विभाग के रूप में विकसित करने की स्वीकृति मिली, जिससे चिकित्सा अनुसंधान और डेटा विश्लेषण की गुणवत्ता में सुधार होगा।

बैठक में शिक्षक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए बीए-बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ। यह कोर्स प्रारंभिक रूप से बीएचयू मुख्य परिसर और वसंत कॉलेज फॉर वूमेन में शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह कार्यक्रम जल्द शुरू होगा, हालांकि इसकी आधिकारिक तिथि बाद में घोषित की जाएगी।

पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया को लेकर भी परिषद में चर्चा हुई। नई आरक्षण व्यवस्था पर विचार करते हुए यह तय किया गया कि प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसके साथ ही पुराने विवादित मामलों के समाधान के लिए एक समीक्षा समिति गठित करने का निर्णय लिया गया, जो जांच के बाद अपनी अनुशंसा विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी।

बैठक में विदेशी छात्रों के प्रवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भी बड़ा निर्णय लिया गया। तय किया गया कि जिन विभागों में विदेशी छात्रों के आवेदन अपेक्षा से अधिक होते हैं, वहां 25 प्रतिशत तक सीटें बढ़ाई जा सकेंगी। इस निर्णय का उद्देश्य बीएचयू में अंतरराष्ट्रीय छात्र उपस्थिति को बढ़ाना और विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को सशक्त बनाना है।

परिषद ने यह भी तय किया कि विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगा, जिसके तहत ड्युअल डिग्री प्रोग्राम शुरू होंगे। इन कार्यक्रमों के तहत छात्र एक साथ बीएचयू और विदेशी विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप तैयार करने और शोध के अवसरों का विस्तार करने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।

इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि बीएचयू के छात्र जो ‘स्वयं’ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से कोर्स कर रहे हैं, अब अपनी परीक्षाएं विश्वविद्यालय परिसर में ही दे सकेंगे। अब उन्हें अन्य केंद्रों पर नहीं जाना होगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम बनेगी।

बैठक में संबद्ध महाविद्यालयों में नए कोर्स शुरू करने के प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। परिषद ने निर्देश दिया कि इन प्रस्तावों को विस्तारपूर्वक तैयार कर अगली बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाए। इन सभी निर्णयों को बीएचयू के शैक्षणिक विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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