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वाराणसी: बीएचयू को मिला नया कुलपति, प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी की राष्ट्रपति ने की नियुक्ति

वाराणसी: बीएचयू को मिला नया कुलपति, प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी की राष्ट्रपति ने की नियुक्ति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को बीएचयू का 29वां कुलपति नियुक्त किया।

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को उसका नया कुलपति मिल गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को विश्वविद्यालय का 29वां कुलपति नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से अगले तीन वर्षों तक या फिर 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, निर्धारित किया गया है। इस नियुक्ति को शैक्षणिक जगत में एक सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के लिए।

प्रोफेसर चतुर्वेदी का बीएचयू से पुराना नाता भी रहा है। वर्ष 1994 से 1996 तक वह बीएचयू के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके बाद उन्होंने देश के कई प्रमुख तकनीकी संस्थानों में प्रभावशाली भूमिकाएं निभाईं और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई। वह आईआईटी रुड़की के निदेशक भी रह चुके हैं और आईआईटी कानपुर जैसे संस्थान में अनुसंधान एवं विकास डीन, विभागाध्यक्ष और उप निदेशक जैसे कई प्रमुख पदों की जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।

उनकी शैक्षणिक यात्रा भी अत्यंत प्रभावशाली रही है। प्रो. चतुर्वेदी ने आईआईटी कानपुर से ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में क्रमशः बी.टेक., एम.टेक., और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1996 में बीएचयू से अपने शैक्षणिक करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। 1999 में वे दोबारा आईआईटी कानपुर में लौटे, जहां पर उन्होंने संस्थान के विभिन्न शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में नेतृत्व प्रदान किया। वर्ष 2012 में उन्हें प्रोफेसर बनाया गया और मार्च 2015 में संजय और रचना प्रधान चेयर प्रोफेसरशिप की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्ष 2017 में वे निदेशक के रूप में आईआईटी रुड़की चले गए और अक्टूबर 2022 तक इस पद पर बने रहे।

उल्लेखनीय है कि प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी को शैक्षणिक और शोध कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें INSA टीचर्स अवार्ड, आईआईटी कानपुर का विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार और सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा टैन चिन तुआन फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, वे भारत सरकार की टेलीकॉम स्टैंडर्ड्स डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (TSDSI) के संस्थापक सदस्य भी हैं, जो दूरसंचार क्षेत्र में मानकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बीएचयू के कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति को न केवल संस्थान बल्कि पूरे देश के तकनीकी और शैक्षणिक समुदाय द्वारा सराहा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रो. चतुर्वेदी के नेतृत्व में बीएचयू नए आयामों की ओर अग्रसर होगा और शिक्षा तथा शोध के क्षेत्र में अपनी सशक्त पहचान और मजबूत करेगा।

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