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वाराणसी: BHU में छात्रों के दो गुटों में हिंसक झड़प, तीन आईआईटी छात्र घायल

वाराणसी: BHU में छात्रों के दो गुटों में हिंसक झड़प, तीन आईआईटी छात्र घायल

वाराणसी के बीएचयू परिसर में देर रात आईआईटी और बिरला हॉस्टल के छात्रों में मारपीट हुई, जिसमें तीन आईआईटी छात्र घायल हुए और गाड़ियां तोड़ी गईं।

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का कैंपस रविवार देर रात उस समय अशांत हो गया, जब आईआईटी बीएचयू और बिरला हॉस्टल के छात्रों के बीच कहासुनी मारपीट में बदल गई। विवाद इतना बढ़ा कि न केवल हाथापाई हुई बल्कि कई गाड़ियां भी तोड़ दी गईं। इस झड़प में आईआईटी के तीन छात्रों के घायल होने की पुष्टि हुई है।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीमें मौके पर पहुंचीं और दोनों पक्षों को किसी तरह शांत कराया। फिलहाल पूरे कैंपस में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और छात्रों को अपने-अपने हॉस्टल में रहने की सख्त सलाह दी गई है। देर रात तक कैंपस के संवेदनशील हिस्सों में पुलिस बल तैनात रहा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रात करीब 11 बजे बिरला हॉस्टल के बाहर मामूली बहस से शुरू हुआ मामला अचानक धक्का-मुक्की और मारपीट तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि आईआईटी के कुछ छात्र अपने हॉस्टल लौट रहे थे, तभी बिरला चौराहे पर उन्हें रोका गया और पूछताछ शुरू हुई। इसी बीच एक छात्र को थप्पड़ मारे जाने की बात सामने आई, जिसके बाद बहस ने उग्र रूप ले लिया।

विवाद की खबर मिलते ही आईआईटी राजपूताना हॉस्टल से लगभग 100-150 छात्र मौके पर पहुंच गए। दोनों ओर से नारेबाजी, धक्का-मुक्की और पथराव हुआ। सड़क पर टूटे वाहन और बिखरी ईंटें सुबह तक बवाल की तस्वीर बयां करती रहीं।

दरअसल, पिछले वर्ष आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। कई स्थानों पर बैरियर लगाए गए और रात 10 बजे के बाद छात्रों व बाहरी लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई।
आईआईटी प्रशासन का कहना है कि यह कदम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, लेकिन बीएचयू के कई छात्र लंबे समय से इन बैरियरों का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे आवागमन में कठिनाई होती है। रविवार की रात भी इसी मुद्दे पर कहासुनी शुरू हुई, जो मारपीट में बदल गई।

विवाद के बाद आईआईटी के छात्र बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए। विरोध जताते हुए वे डायरेक्टर ऑफिस के बाहर जमा हो गए। गुस्साए छात्रों ने रात लगभग 4 बजे तक "बाहर आओ-बाहर आओ" के नारे लगाए और अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए।

छात्रों की तीन प्रमुख मांगें सामने आईं है, जो निम्नवत है -
1. कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
2. घायल छात्रों का सही इलाज कराया जाए।
3. मारपीट करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

सुबह पांच बजे तक छात्रों का विरोध जारी रहा। आखिरकार आईआईटी निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा के सामने छात्रों ने अपनी बातें रखीं। निदेशक ने उन्हें आश्वासन दिया कि सुरक्षा में सुधार किया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी।

पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है। भेलूपुर एसीपी गौरव कुमार सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल, कैंपस के भीतर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है और एहतियातन गश्त तेज कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि दोबारा ऐसी स्थिति हुई तो किसी भी छात्र को बख्शा नहीं जाएगा।

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