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बीएचयू पीएचडी प्रवेश में बड़ा बदलाव, गैर शिक्षण कर्मचारियों को भी देनी होगी परीक्षा

बीएचयू पीएचडी प्रवेश में बड़ा बदलाव, गैर शिक्षण कर्मचारियों को भी देनी होगी परीक्षा

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अब गैर शिक्षण स्थायी कर्मचारियों को भी पीएचडी प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इस वर्ष पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है जिसके तहत अब गैर शिक्षण स्थायी कर्मचारियों को भी प्रवेश के लिए परीक्षा देनी होगी। इससे पहले कर्मचारियों को सीट उपलब्ध होने की स्थिति में सीधे साक्षात्कार के आधार पर प्रवेश दिया जाता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद कर्मचारियों ने इस बदलाव पर असंतोष व्यक्त किया है और इसे अनावश्यक जटिलता बताया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह नियम पीएचडी प्रवेश को और अधिक पारदर्शी तथा व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से जोड़ा गया है और इसका विस्तृत विवरण एक सप्ताह के भीतर जारी होने वाले पीएचडी बुलेटिन में होगा।

नई व्यवस्था के अनुसार गैर शिक्षण कर्मचारियों को अब रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों वाली लिखित परीक्षा देनी होगी। परीक्षा में न्यूनतम पचास प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों को ही आगे की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिलेगा जिसमें दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन और साक्षात्कार सम्मिलित हैं। यह परीक्षा परीक्षा नियंता कार्यालय की ओर से आयोजित की जाएगी। पीएचडी नियमावली में इस वर्ष कई बड़े परिवर्तन किए गए हैं जिनमें ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में लोकेशन वरीयता चुनने का विकल्प भी जोड़ा गया है। इसके अलावा पीएचडी बुलेटिन में विभिन्न फैकल्टी के लिए अलग अलग सेक्शन तैयार किए जा रहे हैं ताकि अभ्यर्थियों को स्पष्ट और सुव्यवस्थित जानकारी मिल सके।

पीएचडी बुलेटिन जारी करने से पहले बीएचयू ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें अभ्यर्थियों को परसेंट और परसेंटाइल के अंतर को सरल भाषा में समझाया गया है। वीडियो में बताया गया है कि प्रतिशत का मतलब कुल अंकों में प्राप्त अंक है जबकि प्रतिशतक यह दर्शाता है कि किसी अभ्यर्थी की स्थिति दूसरों की तुलना में कहां है। बीते सत्र में पीएचडी प्रवेश के दौरान परसेंटाइल को लेकर काफी विवाद हुआ था और छात्रों ने विरोध भी किया था। इसी वजह से विश्वविद्यालय ने इस बार पहले ही अभ्यर्थियों को इसकी स्पष्ट जानकारी देने का प्रयास किया है ताकि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान भ्रम की स्थिति न बने।

नई परीक्षा प्रणाली के लागू होने से कर्मचारियों के बीच कई तरह की चर्चाएं हैं और वे इसे अपने लिए अतिरिक्त चुनौती मान रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि नियमों में बदलाव प्रवेश प्रक्रिया की गुणवत्ता और समरूपता को मजबूत करेगा। बुलेटिन जारी होने के बाद पूरी प्रक्रिया की विस्तृत रूपरेखा सामने आएगी और अभ्यर्थियों को परीक्षा तथा साक्षात्कार की तैयारियों के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध होगी।

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