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बीएचयू की धड़कन पहल, बच्चों-किशोरों में हृदय रोगों से करेगी बचाव

बीएचयू की धड़कन पहल, बच्चों-किशोरों में हृदय रोगों से करेगी बचाव

बीएचयू ने बच्चों और किशोरों में हृदय रोगों की रोकथाम के लिए 'धड़कन एक नई पहल' कार्यक्रम शुरू किया, टीमें स्कूलों में देंगी जानकारी।

वाराणसी: बच्चों और किशोरों में जन्मजात और अर्जित हृदय रोगों से बचाव के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने एक नई पहल शुरू की है। आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग और महिला महाविद्यालय (एमएमवी) गृह विज्ञान विभाग की ओर से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का नाम धड़कन : एक नई पहल रखा गया है। इस पहल के तहत विशेषज्ञों की टीम, जिसे धड़कन टीम कहा गया है, सीधे विद्यालयों में जाकर छात्रों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेगी।

कार्यक्रम में छात्रों को हृदय की सामान्य संरचना, उसकी कार्यप्रणाली, हृदय में होने वाले बदलाव और हृदय रोगों से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा संतुलित पोषण, स्वस्थ जीवनशैली और उपलब्ध उपचार पद्धतियों की जानकारी भी छात्रों तक पहुंचाई जाएगी।

इस पहल की शुरुआत केंद्रीय विद्यालय (केवी) बीएचयू से हुई। कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। एनाटॉमी विभाग की डॉ. मृण्मयी ने छात्रों को हृदय की संरचना और कार्यप्रणाली समझाई। कार्यक्रम के दौरान क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विद्यार्थियों ने सवालों के जवाब देकर अपनी जानकारी और समझ का प्रदर्शन किया।

गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. मुक्ता और प्रो. ललिता वाटा ने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा को अस्पतालों की दीवारों तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है। इसे सीधे समाज और युवाओं तक पहुंचाना आवश्यक है क्योंकि जागरूकता ही रोकथाम की पहली सीढ़ी है। हृदय रोग विभाग की सहायक आचार्य डॉ. प्रतिभा राय ने बताया कि जबकि जन्मजात हृदय रोग का समय पर इलाज संभव है, अर्जित हृदय रोगों की रोकथाम शिक्षा, पोषण और जीवनशैली में बदलाव से ही संभव है।

आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम संस्थान की समाज-सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और स्वस्थ व फिट युवा भारत के संकल्प के अनुरूप है। हृदय रोग विभागाध्यक्ष प्रो. विकास अग्रवाल ने कहा कि अन्य विद्यालय भी इस तरह के कार्यक्रम के लिए धड़कन टीम से संपर्क कर सकते हैं और अपने छात्रों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बना सकते हैं।

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