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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रा की मौत पर बवाल, छात्रों ने लगाया लापरवाही का आरोप

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रा की मौत पर बवाल, छात्रों ने लगाया लापरवाही का आरोप

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हुई, छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर धरना दिया।

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा प्राची सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। छात्रा की मौत के बाद साथियों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और शाम होते-होते महिला महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्राओं ने गेट बंद करने की कोशिश की, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया। इसके बाद छात्राएं नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गईं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगीं।

मृतक छात्रा प्राची सिंह महिला महाविद्यालय के स्वास्तिक कुंज छात्रावास में कमरा नंबर 66 में रहती थी। वह प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग की छात्रा थी। बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह वह क्लास के लिए जा रही थी, तभी वनस्पति विज्ञान विभाग के पास अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। छात्राओं ने तत्काल वार्डन और कॉलेज प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद उसे एंबुलेंस से सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आपातकालीन कक्ष में पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की खबर मिलते ही परिसर में हड़कंप मच गया। पुलिस और प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि, छात्राओं ने अस्पताल पहुंचाने में देरी और अधिकारियों की उदासीनता को लेकर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि प्राची को समय पर सही इलाज नहीं मिल सका। छात्राओं का आरोप है कि एंबुलेंस आने में लगभग आधे घंटे की देरी हुई और उस दौरान कोई प्रोफेसर या वार्डन अपनी निजी गाड़ी से उसे अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुआ।

दूसरी ओर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने लापरवाही के आरोपों से इनकार किया है। अधिकारियों का कहना है कि छात्रा की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिलते ही उसे लगभग 10 मिनट के भीतर अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक जांच में कार्डियक अरेस्ट की पुष्टि हुई और अस्पताल में उसे सीपीआर भी दिया गया, लेकिन प्रयासों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है। परिवार को घटना की सूचना दे दी गई थी और वे वाराणसी पहुंच गए हैं। इस बीच, धरने पर बैठी छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।

छात्राओं ने कहा कि यह केवल एक मौत नहीं बल्कि सुरक्षा और आपात व्यवस्था की विफलता का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए मेडिकल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और यदि किसी की लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्राची सिंह की मौत से परिसर में गमगीन माहौल है। छात्राएं अपनी साथी को याद करते हुए भावुक नजर आईं।

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