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बसपा नेता हत्याकांड: दो पत्रकार जांच के घेरे में, धीरज उपाध्याय से जुड़े तार

बसपा नेता हत्याकांड: दो पत्रकार जांच के घेरे में, धीरज उपाध्याय से जुड़े तार

बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में सोनभद्र जेल में बंद धीरज उपाध्याय के कथित मददगार दो पत्रकार पुलिस जांच के घेरे में हैं।

कानपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में पुलिस जांच लगातार गहराती जा रही है। अब इस संवेदनशील केस की जांच की कड़ी सोनभद्र जेल में बंद कुख्यात अपराधी धीरज उर्फ दीनू उपाध्याय से जुड़ गई है। पुलिस ने दो कथित पत्रकारों की भूमिका को संदेह के घेरे में लेते हुए उनके खिलाफ औपचारिक जांच शुरू कर दी है। इन पत्रकारों पर दीनू उपाध्याय के साथियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, इन पर न केवल आपराधिक नेटवर्क को संरक्षण देने बल्कि पीड़ितों को भयभीत करने तक के आरोप लगे हैं।

इस प्रकरण में स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को इन पत्रकारों की संपत्तियों और आय स्रोतों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। एलआईयू द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट में उनके नाम पर मौजूद प्लॉट, मकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जानकारी को शामिल किया जा रहा है। साथ ही यह जांच भी की जा रही है कि इनकी आमदनी के स्रोत कहां से संचालित होते हैं और क्या इनमें कोई अवैध आर्थिक लेन-देन शामिल है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दो पीड़ितों ने औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई थी कि जब उन्होंने जमीन पर कब्जे की शिकायत पुलिस से की, तो कुछ लोग उनसे संपर्क में आए जो खुद को पत्रकार बता रहे थे। इन कथित पत्रकारों ने न केवल दीनू के साथियों के बारे में डरावनी बातें कीं बल्कि पीड़ितों को मानसिक रूप से धमकाया भी। कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल डेटा की शुरुआती जांच में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि इन पत्रकारों की बातचीत सीधे तौर पर दीनू उपाध्याय के सहयोगियों से होती रही है। इनकी भूमिका को भूमाफिया से जुड़े नेटवर्क से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, और इस पूरे जाल की तह में जाने के लिए क्राइम ब्रांच के साथ-साथ एलआईयू के विशेष अफसरों की तैनाती की गई है।

इस बीच, मंगलवार को पुलिस ने दीनू उपाध्याय गैंग से जुड़े 48 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है। इस लिस्ट में गैंग का सक्रिय सदस्य दीपक जादौन प्रमुख रूप से शामिल है। इससे एक दिन पहले सोमवार को किदवईनगर पुलिस ने अधिवक्ता नारायण भदौरिया की हिस्ट्रीशीट खोली थी, जो इस गैंग का एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य बताया जा रहा है।

इसके अलावा, रेउना थाना क्षेत्र के किरांव गांव निवासी विजय प्रताप सिंह उर्फ कल्ली की हिस्ट्रीशीट भी खोली गई है, जो हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराधों में शामिल है। इसी क्रम में गोविंदनगर क्षेत्र से धोखाधड़ी के आरोपी प्रॉपर्टी डीलर गुरमीत सिंह, शरद पासवान समेत नौ और जबकि बर्रा क्षेत्र से अभिषेक शर्मा और दीपक कनौजिया समेत सात अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। वहीं, किदवईनगर से यूट्यूबर अनुज जैन का नाम भी हिस्ट्रीशीट में जोड़ा गया है।

पुलिस प्रशासन अब इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए कार्रवाई की गति तेज कर चुका है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस संगठित अपराध से जुड़े रहे हैं। इस मामले में अब पुलिस का ध्यान सिर्फ अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि उन्हें संरक्षण देने वाले तथाकथित सफेदपोशों पर भी है। यदि जांच की दिशा इसी तरह आगे बढ़ती रही तो यह हत्याकांड कई नए खुलासों के साथ एक बड़े आपराधिक सिंडिकेट का पर्दाफाश कर सकता है।

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