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चौधरी चरण सिंह विवि ने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की विषम सेमेस्टर परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया

चौधरी चरण सिंह विवि ने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की विषम सेमेस्टर परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के विषम सेमेस्टर का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया, परीक्षाएं 8 और 9 दिसंबर से होंगी शुरू।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार कुछ पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं आठ दिसंबर से शुरू होंगी जबकि कुछ की शुरुआत नौ दिसंबर से होगी। इसके साथ ही परास्नातक पाठ्यक्रमों के तीसरे सेमेस्टर के लिए संशोधित परीक्षा कार्यक्रम भी जारी किया गया है जिसमें मुख्य, बैक और एक्स तीनों प्रकार की परीक्षाओं का विवरण शामिल है। इस कार्यक्रम में पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं शामिल नहीं हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय अलग से घोषित करेगा।

परीक्षाएं दो पालियों में आयोजित की जाएंगी। पहली पाली सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक और दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक होगी। विश्वविद्यालय पहले ही यूजी और पीजी एनईपी पाठ्यक्रमों के विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी कर चुका है। स्नातक स्तर पर एनईपी की परीक्षाएं 26 नवंबर से शुरू होंगी और परास्नातक स्तर की एनईपी परीक्षाएं एक दिसंबर से आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय एलएलबी, एलएलएम और बीएससी होम साइंस जैसे पाठ्यक्रमों का परीक्षा कार्यक्रम भी जारी कर चुका है। प्रथम सेमेस्टर को छोड़कर अधिकांश पाठ्यक्रमों की तारीखें अब तक घोषित की जा चुकी हैं।

सत्र 2025-26 के लिए विश्वविद्यालय ने को करिकुलर विषयों की परीक्षा प्रणाली में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस सत्र में बीए, बीएससी और बीकाम बहुविषयक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की को करिकुलर विषयों की परीक्षा 100 अंकों की होगी और इसे वस्तुनिष्ठ तरीके से यानी एमसीक्यू आधारित पैटर्न पर लिया जाएगा। इस विषय में किसी भी प्रकार की आंतरिक परीक्षा नहीं होगी। छात्रों को इस विषय में पास होने के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा और प्राप्त अंक एसजीपीए और सीजीपीए में शामिल किए जाएंगे।

नई व्यवस्था के तहत इस वर्ष एनईपी स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी बदली हुई प्रणाली के अनुसार ली जाएंगी। इन परीक्षाओं में भी आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और प्रयोगात्मक परीक्षा 100 अंकों पर आधारित होगी। हालांकि यह व्यवस्था केवल नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर लागू होगी। वर्ष 2024-25 और उससे पूर्व प्रवेश ले चुके छात्रों की परीक्षाएं पुराने नियमों के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को सलाह दी है कि वे संबंधित विषय और सेमेस्टर के परीक्षा कार्यक्रम को ध्यान से पढ़ें और समय से पहले तैयारी पूरी कर लें। विश्वविद्यालय का कहना है कि परीक्षाओं को सुचारु और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है और कोई भी बदलाव होने पर समय पर सूचना दी जाएगी।

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