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बसों में आग लगने की घटनाओं पर सरकार सख्त, अब बिना बस बॉडी कोड नहीं मिलेगा रजिस्ट्रेशन

बसों में आग लगने की घटनाओं पर सरकार सख्त, अब बिना बस बॉडी कोड नहीं मिलेगा रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार ने बसों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया, अब बस बॉडी कोड के बिना रजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगा।

देशभर में चलती बसों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि अब से कोई भी बस बिना बस बॉडी कोड के नियमों का पालन किए रजिस्ट्रेशन या फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं पा सकेगी। इसमें आपातकालीन दरवाजे, फायर डिटेक्शन सिस्टम और अग्निशमन उपकरण जैसे सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी परिवहन अधिकारियों को आदेश दिया है कि सुरक्षा से समझौता करने वाली बसों को किसी भी सूरत में सड़कों पर न चलने दिया जाए।

हाल के महीनों में कई राज्यों में चलती बसों में आग लगने की घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजस्थान और आंध्र प्रदेश में हुई घटनाओं के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि यात्रियों की जान से बड़ा कुछ नहीं है, इसलिए हर बस ऑपरेटर को बस बॉडी कोड के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

बस बॉडी कोड सितंबर 2025 से लागू किया गया था, लेकिन अभी तक कई निजी और लंबी दूरी की बसें इसके दायरे से बाहर थीं। अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी बस को रजिस्ट्रेशन या फिटनेस सर्टिफिकेट तभी मिलेगा जब वह निर्धारित सुरक्षा मानकों को पूरा करेगी। इस प्रक्रिया की निगरानी प्रत्येक राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा की जाएगी।

बस बॉडी कोड के अनुसार, हर बस में कम से कम चार आपातकालीन दरवाजे होने चाहिए जिनकी चौड़ाई 450 एमएम हो ताकि आपात स्थिति में यात्रियों को बाहर निकालने में आसानी हो सके। इसके अलावा सभी बसों में फायर रेजिस्टेंट इलेक्ट्रिकल उपकरण, दो अग्निशमन यंत्र, फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम (FDSS) तथा शीशे तोड़ने के लिए सेफ्टी हथौड़ा रखना अनिवार्य है। इन सभी उपायों का उद्देश्य आग लगने या दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

हालांकि यह नियम वर्ष 2016 में ही बनाए गए थे और 2017 में लागू भी कर दिए गए थे, लेकिन अब तक इनका पालन बेहद सीमित स्तर पर हुआ था। परिवहन विभाग ने माना है कि अधिकांश बसें अभी भी इन सुरक्षा मानकों से वंचित हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अब सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बिना बस बॉडी कोड की अनुपालना के कोई भी बस सड़क पर न उतरे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि यदि कोई बस ऑपरेटर या कंपनी इन नियमों की अनदेखी करती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि RTO कार्यालय हर बस की जांच के दौरान सुरक्षा उपकरणों की फिजिकल वेरिफिकेशन करें।

सरकार का यह कदम देशभर में सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित और मानक अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन नियमों का पूरी तरह से पालन हुआ तो बस दुर्घटनाओं और आग लगने की घटनाओं में बड़ी कमी आएगी और यात्रियों का भरोसा सार्वजनिक परिवहन पर और मजबूत होगा।

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