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चंदौली: राजदरी-देवदरी जलप्रपात बना पिकनिक स्पॉट, DM के आदेशों का उल्लंघन

चंदौली: राजदरी-देवदरी जलप्रपात बना पिकनिक स्पॉट, DM के आदेशों का उल्लंघन

चंदौली के राजदरी-देवदरी जलप्रपात पर DM के प्रतिबंधों के बावजूद पर्यटक पिकनिक मना रहे, गंदगी फैला रहे हैं।

चंदौली: प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध राजदरी-देवदरी जलप्रपात प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। जिलाधिकारी चंद मोहन गर्ग ने हाल ही में निरीक्षण कर सख्त आदेश दिए थे कि झरनों के किनारे आग जलाना, भोजन पकाना और नशीले पदार्थ लाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। लेकिन आदेशों का पालन कराने में पुलिस और वन विभाग विफल साबित हो रहे हैं। नतीजा यह है कि पर्यटकों ने झरनों के परिसर को पिकनिक स्पॉट में बदल दिया है।

राजदरी-देवदरी की वादियों में अब सैलानी गैस सिलेंडर जलाकर मीट और मुर्गा पकाते दिखाई देते हैं। शराब की बोतलें खुल रही हैं और तेज आवाज में शोरगुल के बीच माहौल का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है। जिस जगह पर प्रकृति की शांति और जलप्रपात की सुंदरता का अनुभव होना चाहिए था, वहां धुआं, शराब की गंध और भीड़ का शोर छा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सब कुछ अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन न कोई रोकथाम हो रही है और न ही किसी पर कार्रवाई।

जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का शुरुआती असर जरूर दिखा था। कुछ दिनों तक भीड़ में कमी आई और लोग सतर्क रहे। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस और वन विभाग की निगरानी ढीली हुई, पर्यटक मनमानी पर उतर आए। अब फिर वही हालात हो गए हैं। झरनों के आसपास कचरे का ढेर, डिस्पोजल प्लेट और शराब की बोतलें बिखरी पड़ी हैं। इससे न केवल पर्यटन स्थल की खूबसूरती बिगड़ रही है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।

डीएफओ बी शिवशंकर ने साफ कहा है कि झरनों के किनारे भोजन पकाने या नशीले पदार्थ लाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं जिलाधिकारी चंद मोहन गर्ग ने भी दोहराया कि आदेश को हल्के में लेना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जलप्रपात की निगरानी बढ़ाई जाएगी और नियम तोड़ने वालों पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

स्थानीय पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि इस स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो राजदरी-देवदरी जैसी प्राकृतिक धरोहरें बुरी तरह प्रभावित होंगी। प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी के बाद अब देखना होगा कि पुलिस और वन विभाग वास्तव में कितनी सख्ती दिखा पाते हैं।

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