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गोरखपुर: सीएम योगी ने एक दिया शहीदों के नाम कार्यक्रम में जलाया दीप, दी श्रद्धांजलि

गोरखपुर: सीएम योगी ने एक दिया शहीदों के नाम कार्यक्रम में जलाया दीप, दी श्रद्धांजलि

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में एक दिया शहीदों के नाम कार्यक्रम में सीएम योगी ने 11,000 दीप जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

गोरखपुर: धर्म, देशभक्ति और दीपोत्सव की पावन परंपरा का एक अलौकिक दृश्य रविवार की शाम गोरखनाथ मंदिर परिसर में उस समय देखने को मिला, जब दीपावली पर आयोजित कार्यक्रम "एक दिया शहीदों के नाम" ने वातावरण को भाव-विभोर कर दिया। गोरखनाथ मंदिर तथा भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया "भाई" द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस भव्य दीपोत्सव में 11,000 दीपों की ज्योति से भीम सरोवर का जल एक अद्भुत सुनहरी आभा बिखेरता दिखाई दिया। दीपों की कतारें, लहराती लौ और जल में चमकती हजारों प्रतिबिंबों ने सरोवर को मानो आकाशगंगा का रूप दे दिया।

कार्यक्रम की गरिमा तब और बढ़ गई, जब उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने स्वयं उपस्थित होकर शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की और भीम सरोवर किनारे सजी भव्य रंगोली पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जैसे ही ज्योति प्रज्वलित हुई, पूरा वातावरण "भारत माता की जय" और "वन्दे मातरम्" के नारों से गूँज उठा, दर्शकों के चेहरों पर गर्व, आस्था और देशप्रेम की चमक स्पष्ट झलक उठी।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दीपावली को केवल उत्सव नहीं, बल्कि देश, समाज और बलिदानी परंपरा के प्रति कृतज्ञता के रूप में मनाने का संदेश देना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस अवसर पर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से विशेष टेराकोटा कला-मूर्ति स्मृतिचिह्न के रूप में भेंट की गई। यह सौजन्य डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. रूप कुमार बनर्जी, प्रगति श्रीवास्तव, डॉ. सुरेश श्रीवास्तव, कनक हरि, राकेश मोहन, प्रेमनाथ और त्रिभुवन मणि तिवारी ने संयुक्त रूप से निभाया।

पूरे आयोजन का संचालन और संयोजन डॉ. राकेश श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत बबीता श्रीवास्तव के निर्देशन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना और भगवान श्रीराम स्तुति से हुई, जिसने दीपोत्सव को आध्यात्मिकता के साथ एक मंगल सुर प्रदान किया।

इसके बाद हृदया त्रिपाठी की शहीदों को समर्पित मार्मिक देशभक्ति प्रस्तुति ने सभागार में बैठे हर शख्स की आंखें नम कर दीं। सारिका राय के निर्देशन में प्रस्तुत देशभक्ति नृत्य और विवेक सोनकर की समूह प्रस्तुति ने मंच पर ऊर्जा, उत्साह और राष्ट्रीय चेतना की ज्वाला प्रज्वलित कर दी। कार्यक्रम में वीर सेन सूफी की आवाज़ में गूँजा 'ए वतन, तेरे लिए…' ऐसा भाव पैदा कर गया कि क्षण भर को पूरा परिसर मौन होकर उस वेदना और गर्व को महसूस करता रहा, जो शहीदों की शहादत अपने पीछे छोड़ जाती है।

वाद्य-यंत्रों पर त्रिपुरारी मिश्रा, रवींद्र कुमार, मोहम्मद शकील और अरुण पांडेय ने अपनी ताल–लय से कार्यक्रम को और अधिक जीवंत और सुरमई बनाया, जबकि मंच संचालन की गरिमा शिवेंद्र पांडेय ने कुशलता से निभाई।

जैसे-जैसे अंधेरा घिरा, 11,000 दीपों की संयुक्त रोशनी ने भीम सरोवर को स्वर्णिम चादर-सा ओढ़ा दिया। तालाब की परिक्रमा पर रखे दीप, जल में थिरकती लौ, मंदिर परिसर की धवल भव्यता और ऊपर चंद्रमा की शीतल रोशनी। यह सब मिलकर ऐसा अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण बना रहे थे मानो पूरा परिसर एक ही भाव में कह रहा हो, "दीप जलें तो देश जले, दीप बुझे ना मातृभूमि की आशा।"

दीप, भक्ति, राष्ट्रगौरव और बलिदानों की स्मृति से सजा यह क्षण उपस्थित जन-समूह के लिए अविस्मरणीय और आत्मा को छू लेने वाला अनुभव बन गया।

शहीदों को समर्पित यह दीपांजलि केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश थी, कि इस राष्ट्र की सांसें उन अमर बलिदानों की देन हैं, जिनकी स्मृति हर दीप में, हर उजाले में और हर पीढ़ी में जीवित रहनी चाहिए।

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