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मेरठ: कांवड़ियों पर सीएम योगी ने की पुष्पवर्षा, हुड़दंगियों को दी सख्त चेतावनी

मेरठ: कांवड़ियों पर सीएम योगी ने की पुष्पवर्षा, हुड़दंगियों को दी सख्त चेतावनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की और कांवड़ यात्रा में हुड़दंग करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, प्रशासन सतर्क है।

मेरठ: श्रावण मास में जारी पवित्र कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ पहुंचे और मोदीपुरम के समीप दुल्हेड़ा चौकी के पास स्थित मंच से शिवभक्त कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट और दृढ़ संदेश देते हुए कहा कि धार्मिक यात्राओं की मर्यादा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और कांवड़ यात्रा के नाम पर किसी भी प्रकार की अराजकता, तोड़फोड़ या हुड़दंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मंच से अपने संबोधन में कहा, "कांवड़ यात्रा आस्था और श्रद्धा की प्रतीक है। लेकिन अगर कोई इसका अपमान करते हुए अनुशासनहीनता करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है और कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, "कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।"

इस अवसर पर मंच पर राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपई, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, निवर्तमान दर्जा प्राप्त मंत्री पंडित सुनील भराला और कैंट विधायक अमित अग्रवाल समेत भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। सभी ने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर कांवड़ियों का अभिवादन किया और उनका उत्साहवर्धन किया।

मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए पूरे क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। शोभित यूनिवर्सिटी परिसर, जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरा, को सुरक्षा घेरा बना कर पूरी तरह सील कर दिया गया था। सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूर्व विधायक संगीत सोम को भी यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। संगीत सोम जब अपनी गाड़ी से यूनिवर्सिटी में प्रवेश करना चाह रहे थे, तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। सूत्रों के मुताबिक, वह अपनी स्थिति स्पष्ट करने और प्रवेश के लिए कई बार फोन पर बात करते नजर आए, लेकिन अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था के नियमों में कोई ढील नहीं दी। कुछ देर बाद वह बिना प्रवेश किए वहां से रवाना हो गए।

मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रशासन के लिए भी एक संदेश था कि धार्मिक आयोजनों में अनुशासन और व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ की इस चेतावनी को प्रशासनिक अमले और आम जनता दोनों ने गंभीरता से लिया है, खासकर ऐसे समय में जब कांवड़ यात्रा पूरे जोरों पर है और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग ले रहे हैं।

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