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मुख्यमंत्री योगी ने अंबेडकर प्रतिमाओं के संरक्षण और संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन की घोषणा की

मुख्यमंत्री योगी ने अंबेडकर प्रतिमाओं के संरक्षण और संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन की घोषणा की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर प्रतिमाओं के संरक्षण और संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन की गारंटी की घोषणा की।

लखनऊ: डॉ भीमराव आंबेडकर के 70वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य भर में स्थित सभी अंबेडकर प्रतिमाओं और स्मारक स्थलों को संरक्षित करने की बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन सभी स्थलों पर सुरक्षात्मक बाउंड्री वॉल और छत का निर्माण कराएगी, जहां यह व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। उनका कहना था कि कई बार असामाजिक तत्व प्रतिमाओं से छेड़छाड़ करते हैं, इसलिए इन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने अंबेडकर महासभा में बाबा साहब के अस्थि कलश को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बुद्ध वंदना और त्रिशरण पंचशील के पाठ से हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ आंबेडकर के विचार और योगदान भारत की लोकतांत्रिक भावना के केंद्र में हैं। सरकार का लक्ष्य है कि उनकी स्मृतियों और आदर्शों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाए, ताकि अगली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा ले सकें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संविदा और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन की गारंटी देने की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि इसके लिए आयोग का गठन किया जा चुका है और एक से दो महीने के भीतर सभी पात्र कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है, और यह पहल उसी संकल्प का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब की वजह से वंचित वर्ग को आज जो सम्मान और अधिकार प्राप्त हैं, वे संविधान की मूल भावना और समानता की वैचारिक शक्ति को मजबूत करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचतीर्थ की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रही है। शिक्षा, छात्रवृत्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त करने का प्रयास जारी है।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण और कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने पाठ्यक्रमों में संविधान की उद्देशिका और अन्य महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल संरचना और सिद्धांतों की समझ ही लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।

अन्य स्थानों पर भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। गोमती नगर स्थित परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल और हजरतगंज में अंबेडकर प्रतिमा के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग को संविधान की भावना को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए और यह केवल श्रद्धांजलि नहीं बल्कि कर्तव्य भावना का भी प्रतीक है।

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