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प्रयागराज: सीएम योगी को जान से मारने की धमकी देने वाला मनीष दुबे चिह्नित, छापेमारी जारी

प्रयागराज: सीएम योगी को जान से मारने की धमकी देने वाला मनीष दुबे चिह्नित, छापेमारी जारी

प्रयागराज पुलिस ने सीएम योगी को जान से मारने की धमकी देने वाले मनीष दुबे को चिह्नित किया है, उसकी तलाश में रातभर छापेमारी जारी है।

प्रयागराज: प्रदेश की पुलिस ने 2 नवंबर की रात यूपी 112 पर आई एक कॉल के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर जान से मारने की धमकी देने वाले शख्स की पहचान की है। आरोपित की पहचान सोरांव थाना क्षेत्र के बरजी गांव निवासी मनीष दुबे के रूप में हुई है। PRV टीम को सूचना मिलने के बाद मोबाइल नंबर ट्रेस कर उसे चिन्हित किया गया और मामले की रिपोर्ट बाराबंकी कोतवाली में दरोगा सुदर्शन सिंह की ओर से दर्ज कराई गई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह जानकारी सामने आई कि आरोपी ने कॉल के दौरान कभी लोकेशन चारबाग लखनऊ बताया तो कभी प्रयागराज बताकर बाद में मोबाइल बंद कर दिया, जिसके बाद उसकी तफ्तीश तेज कर दी गई है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार पुलिस टीमों ने लखनऊ और बाराबंकी सहित कई स्थानों पर रातभर छापेमारी की लेकिन आरोपी घर पर नहीं मिला; परिवार वालों ने बताया कि वह कुछ समय पहले परिवार के साथ लखनऊ शिफ्ट हो गया था।
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मामले में दर्ज प्राथमिकी में घटना का समय, कॉल रिकॉर्ड और PRV कर्मियों की जानकारी का हवाला दिया गया है और पुलिस आरोपित की आपराधिक पृष्ठभूमि तथा पारिवारिक स्थिति की जांच कर रही है। अधिकारियों के अनुसार जो भी तकनीकी और फोन कॉल से जुड़ा डाटा मिलेगा उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी और जिन भी पोस्टिंग पर घटना के समय कर्मचारी तैनात थे उनसे भी पूछताछ की जाएगी। परिजनों और स्थानीय पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और आरोपित की गिरफ्तारी के लिए टीमों को तैनात कर दिया गया है ताकि स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जा सके।
Jagran
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यह कोई अकेली घटना नहीं है; पिछले कुछ वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विभिन्न माध्यमों से कई बार जान से मारने और हत्या की धमकियां मिल चुकी हैं, जिनकी जांच अलग अलग समय में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने की है। ऐसे मामलों के प्रकाश में राज्य स्तर की सुरक्षा व्यवस्था और खतरा आकलन की प्रक्रिया भी सक्रिय रहती है; मुख्यमंत्री को केंद्र और राज्य की सुरक्षा टीमें और Z plus श्रेणी के तहत अतिरिक्त प्रोटोकॉल के साथ सुरक्षा मुहैया कराई जाती है, जिसमें निकट सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित कमांडो और बुलेटप्रूफ वाहन शामिल होते हैं। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तकनीकी जांच तेज कर दी है और जो भी तथ्य जांच में सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की घोषणा की जाएगी।

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