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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संविधान सम्मान सम्मेलन आयोजित करेगी, गांवों में बढ़ेगी जागरूकता

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संविधान सम्मान सम्मेलन आयोजित करेगी, गांवों में बढ़ेगी जागरूकता

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों से पहले हर गांव में संविधान सम्मान सम्मेलन आयोजित कर वंचितों को संविधान के अधिकार बताएगी।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी आगामी महीनों में हर गांव में संविधान सम्मान सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी में है। यह अभियान पिछड़े और वंचित समुदायों को पार्टी से जोड़ने और उन्हें संविधान में दिए गए अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि इन सम्मेलनों के माध्यम से संविधान के मूल सिद्धांतों का प्रसार होगा, जिससे इन वर्गों को एकजुट करने और संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी। प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस इसे एक अहम राजनीतिक पहल के रूप में देख रही है।

कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग और अनुसूचित जाति विभाग ने संयुक्त रूप से इसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। यह कार्यक्रम संविधान दिवस 26 नवंबर से शुरू किया जाएगा और इसके बाद इसे सभी ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों तक विस्तार दिया जाएगा। पार्टी के अनुसार यह अभियान गांव स्तर पर संवाद और जनसंपर्क बढ़ाएगा और उन समुदायों तक पहुंच बनाने में सहायक होगा जिनके बारे में पार्टी का मानना है कि वर्तमान सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है।

कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन अनिल जय हिंद ने बताया कि सम्मेलनों के दौरान संविधान पर आधारित चर्चा की जाएगी और लोगों को यह समझाया जाएगा कि उनके अधिकार क्या हैं और उन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने हमेशा पिछड़े और वंचित समाज के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं और इन सम्मेलनों में उन योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पिछड़ों और वंचितों के हितों पर लगातार चोट पहुंचा रही है और विभिन्न अवसरों पर उनके अधिकारों को सीमित करने की कोशिश कर रही है।

अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन राजेन्द्र पाल गौतम ने इस अभियान को और व्यापक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां निजीकरण और संविदाकरण को बढ़ावा देती हैं जिससे आरक्षण और सामाजिक न्याय की नीतियों को कमजोर करने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि संविधान सम्मान सम्मेलन का उद्देश्य यह भी है कि इन समुदायों को मौजूदा परिस्थितियों और उनके प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए।

प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को अनुसूचित जाति विभाग के नव नियुक्त पदाधिकारियों की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लीगल सेल को पुनर्गठित करने पर सहमति बनी और सांसद तथा अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश चेयरमैन तनुज पुनिया ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर गांव में वंचित समाज के कम से कम पांच नए लोगों को संगठन से जोड़ें।

इसी तरह ओबीसी सलाहकार परिषद और पिछड़ा वर्ग विभाग की बैठक में मनोज यादव की अध्यक्षता में पिछड़े समाज के हितों और उनकी लड़ाई से जुड़े दस प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों में सामाजिक न्याय, शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी गई। कांग्रेस का दावा है कि संविधान सम्मान सम्मेलन आने वाले महीनों में राज्य की राजनीति में एक नई चर्चा पैदा करेगा और जनता में जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा।

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