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पूर्णिमा पर कैथी धाम, वाराणसी में मार्कण्डेय महादेव मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पूर्णिमा पर कैथी धाम, वाराणसी में मार्कण्डेय महादेव मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पूर्णिमा पर वाराणसी के कैथी धाम स्थित बाबा मार्कण्डेय महादेव मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, भक्तिमय माहौल रहा।

वाराणसी के कैथी धाम स्थित बाबा मार्कण्डेय महादेव मंदिर में पूर्णमासी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह होते ही मंदिर परिसर के बाहर लंबी कतारें लगने लगीं और दिन चढ़ने के साथ भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती गई। गंगा और गोमती के पवित्र संगम पर बसे इस प्राचीन मंदिर में पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा, रुद्राभिषेक और आरती का आयोजन किया जाता है जिसे देखने और भाग लेने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं। सोमवार को भी हजारों श्रद्धालु भगवान शिव और माता शक्ति के दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिर में जुटने लगे और पूरे दिन माहौल भक्तिमय बना रहा।

मंदिर परिसर में चारों ओर हर हर महादेव और जय हो बाबा मार्कण्डेय के जयकारे गूंजते रहे। भक्त अपने परिवार की सुख समृद्धि, स्वास्थ्य और कल्याण की प्रार्थना करते हुए बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। विशेष अवसर होने के कारण मंदिर समिति द्वारा फूलों की सजावट, दीप व्यवस्था और दर्शन के लिए अलग अलग मार्ग बनाए गए जिससे भीड़ को नियंत्रित करना आसान हो सके। श्रद्धालुओं ने पारंपरिक पूजा विधि के अनुसार दूध, जल, बेलपत्र और धूप अर्पित किए। पूजन के बाद मंदिर के प्रांगण में आयोजित विशेष आरती में बड़ी संख्या में भक्तों ने सहभागिता की और वातावरण भक्ति भाव से भर गया।

मार्कण्डेय महादेव मंदिर की मान्यता का संबंध उस प्रसिद्ध पौराणिक कथा से है जिसमें ऋषि मृकंडू ने शिवभक्ति के बल पर एक तेजस्वी पुत्र के लिए भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया था। उसी वरदान से जन्मे मार्कण्डेय को अल्पायु का श्राप मिला था। जब उनके जीवन की अंतिम घड़ी आई, तब यमराज उन्हें लेने आए। भयभीत मार्कण्डेय ने शिवलिंग को गले लगाकर ओम नमः शिवाय का जाप शुरू कर दिया। कहा जाता है कि शिवलिंग को टूटता देख भगवान शिव स्वयंप्रकट हुए और यमराज को रोक दिया। इसके बाद भगवान शिव ने मार्कण्डेय को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया। इस घटना की स्मृति में यह मंदिर स्थापित हुआ और समय के साथ इसकी महत्ता पूरे देश में फैल गई। आज भी भक्त यहां आकर अपनी मनोकामनाएं रखते हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कैथी धाम का यह मंदिर काशी क्षेत्र के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय शिवालयों में एक माना जाता है। सामान्य दिनों में भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन पूर्णिमा, सावन, महाशिवरात्रि और अन्य पर्वों पर भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पूर्णमासी के दिन उमड़ी यह भारी भीड़ एक बार फिर इस स्थान की आस्था और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है। दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर की शांत, पवित्र और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया और पूरे परिवार के लिए शुभता की कामना की।

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