News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

भदोही: गंगा में डूबे दो मौसेरे भाई, नहाने गए थे तीन युवक, एक सुरक्षित, परिवारों में मचा हाहाकार

भदोही: गंगा में डूबे दो मौसेरे भाई, नहाने गए थे तीन युवक, एक सुरक्षित, परिवारों में मचा हाहाकार

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में सोमवार को गंगा स्नान के दौरान दो मौसेरे भाइयों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक युवक सुरक्षित है, घटना से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

भदोही: ज़िंदगी कभी-कभी ऐसी करवट लेती है कि सांसों की डोर एक पल में टूट जाती है, और अपनों की गोद सूनी हो जाती है। सोमवार को भदोही के कोईरौना थाना क्षेत्र स्थित सेमराध गंगा घाट पर एक ऐसी ही हृदय विदारक घटना सामने आई, जिसने दो परिवारों की खुशियों को गंगा की गहराइयों में डुबो दिया।

गर्मी से राहत पाने के लिए तीन युवक सुबह घर से निकले थे। 20 वर्षीय ऋषि विश्वकर्मा, जो बिहार में रह रहे अपने माता-पिता के पास से हाल ही में गांव लौटे थे, अपने मौसेरे भाई राहुल विश्वकर्मा (18) और गांव के ही एक युवक रामकुमार विश्वकर्मा (20) के साथ गंगा स्नान के लिए गए थे। घाट पर कोई और मौजूद नहीं था, और तीनों नहाने के लिए गंगा में उतर गए। लेकिन यह सैर एक ऐसी त्रासदी में बदल गई जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी।

नहाते समय ऋषि और राहुल गहरे पानी में चले गए। उनकी चीखें, हाथ-पैर मारने की आवाजें, अचानक सबकुछ थम गया। तीसरा युवक, रामकुमार, जो किनारे पर ही था, यह भयावह दृश्य देख घबरा गया। उसने तुरंत घर जाकर परिजनों को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में घाट पर मातम पसरा था। युवकों के बैग और कपड़े किनारे पड़े थे, लेकिन वे खुद कहीं नहीं थे।

स्थानीय लोगों और गोताखोरों ने तलाश शुरू की, लेकिन दोपहर से लेकर देर शाम तक ऋषि और राहुल का कोई सुराग नहीं लग सका। मौके पर पहुंची कोईरौना पुलिस ने तत्काल एसडीआरएफ को सूचना दी। राहत-बचाव टीम पहुंची, लेकिन गंगा की छिछली धाराओं और उथली गहराइयों के बीच अभियान मुश्किल होता चला गया।

घटनास्थल पर आंसुओं की लहरें भी गंगा की लहरों के साथ बहने लगीं। रोते-बिलखते परिजनों का हृदयविदारक दृश्य घाट के वातावरण को और भी भारी बना रहा था। गांव के ही मजदूर परिवारों से ताल्लुक रखने वाले दोनों किशोरों की यह असमय मृत्यु की आशंका पूरे गांव को सन्न कर गई है।

सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि ऋषि अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। पिता गुड्डू विश्वकर्मा और माता, जो बिहार में मजदूरी कर अपने बेटे के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे थे, इस दुखद समाचार के बाद टूट चुके हैं और गांव की ओर रवाना हो गए हैं। उनके आने से पहले ही गांव में उनकी गोद सूनी हो चुकी थी। वहीं, राहुल के माता-पिता भी गांव में ही मजदूरी कर किसी तरह जीवन चला रहे थे। बेटे के गंगा में समाने की खबर सुनते ही उनके क्रंदन ने हर आंख को नम कर दिया।

कोईरौना थाना प्रभारी छोटक यादव ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम लगातार स्थानीय गोताखोरों के साथ मिलकर खोजबीन में जुटी हुई है, लेकिन नदी की बदलती धारा और जगह-जगह छिछली मिट्टी के कारण अभियान को अड़चनें आ रही हैं।

इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह एहसास करा दिया कि प्रकृति की गोद जितनी सुंदर है, उतनी ही रहस्यमयी और खतरनाक भी हो सकती है। जीवन की नाजुकता को रेखांकित करती इस घटना ने न केवल दो जिंदगियां निगल लीं, बल्कि दो परिवारों के सपनों को भी गंगा की लहरों में बहा दिया।

अब पूरा गांव टकटकी लगाए घाट की ओर देख रहा है। शायद कोई चमत्कार हो, कोई लहर दोनों युवाओं को फिर से किनारे पर ला दे। लेकिन फिलहाल, गंगा की इस चुप्पी में एक ऐसा मातम पसरा है, जो भुलाए नहीं भूल सकता।

आगे की अपडेट के लिए बने रहिए न्यूज रिपोर्ट के साथ।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

LATEST NEWS