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गाजीपुर: विधायक और अधीक्षक की नोकझोंक के बाद डॉक्टर का तबादला, सीएम से मिलेंगे विधायक बेदीराम

गाजीपुर: विधायक और अधीक्षक की नोकझोंक के बाद डॉक्टर का तबादला, सीएम से मिलेंगे विधायक बेदीराम

गाजीपुर के जखनिया सीएचसी में विधायक बेदीराम और अधीक्षक डॉ. योगेंद्र यादव के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद सीएमओ ने अधीक्षक को हटा दिया।

गाजीपुर: जखनिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में निरीक्षण के दौरान विधायक और अधीक्षक के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुर्खियों में ला दिया है। विवाद के बाद सीएमओ ने अधीक्षक डॉ. योगेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से हटाकर सीएमओ कार्यालय से अटैच कर दिया है। वहीं विधायक बेदीराम ने इस प्रकरण को गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय भी ले लिया है।

आपको बताते चले की, ये घटना 22 अगस्त की है, जब सुभासपा विधायक बेदीराम अचानक सीएचसी जखनिया का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां कई खामियां मिलने पर उन्होंने अधीक्षक डॉ. योगेंद्र यादव को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान माहौल तब और गर्म हो गया जब विधायक ने डॉक्टर पर सरकार की मंशा के विपरीत काम करने, गुटखा खाकर बैठने और प्रोटोकॉल का पालन न करने जैसे आरोप लगाए। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

वीडियो में विधायक बेदीराम यह कहते दिखाई दिए कि अधीक्षक "सपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं" और अस्पताल की व्यवस्था को लेकर लापरवाह हैं। आरोपों से नाराज होकर डॉ. यादव ने चेंबर छोड़ते हुए कहा कि "नौकरी रहे या न रहे, वे इस तरह की बातें नहीं सुन सकते। आप जैसे विधायक आए और गए।" उनकी यह प्रतिक्रिया और विधायक की कड़ी टिप्पणियां बहस को और गरमा गईं।

स्थिति बिगड़ने पर विधायक समर्थकों और चिकित्सक के बीच भी कहासुनी हो गई। आरोप है कि गुस्से में विधायक ने बीपी मशीन और ओपीडी कक्ष की मेज का शीशा तोड़ दिया, जिससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अधीक्षक ने सीएमओ को पत्र लिखकर विधायक पर धक्का-मुक्की, अभद्र भाषा प्रयोग और चिकित्सा सेवाएं बाधित करने का आरोप लगाया। शिकायत के अनुसार, इस हंगामे के कारण आकस्मिक सेवाएं और ओपीडी करीब दो घंटे तक ठप रहीं, जिससे गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।

वहीं दूसरी ओर विधायक बेदीराम ने अस्पताल की दुर्व्यवस्था को लेकर डीएम और सीएमओ से शिकायत की और तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधीक्षक न केवल सरकारी मर्यादा का पालन नहीं कर रहे थे बल्कि गुटखा खाकर कुर्सी पर पैर मोड़कर बैठे थे, जो मरीजों और जनता के प्रति गंभीर लापरवाही का उदाहरण है।

विवाद बढ़ने पर सीएमओ डॉ. एस.के. पांडेय ने प्रशासनिक निर्णय लेते हुए अधीक्षक डॉ. योगेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से सीएचसी जखनिया से हटाकर सीएमओ कार्यालय से अटैच कर दिया। उनके स्थान पर जखनिया सीएचसी का प्रभार डॉ. अवधेश को सौंपा गया है। डॉ. यादव अस्पताल में जनरल फिजिशियन होने के साथ-साथ प्रशासनिक और वित्तीय मामलों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

सीएमओ ने स्पष्ट किया कि यह कदम अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुचारु रखने और प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक समझा गया। वहीं विधायक ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को सारी खामियों से अवगत करा दिया है और अब मुख्यमंत्री से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे।

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