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गाजीपुर के युवक से वाराणसी में कतर नौकरी के नाम पर 22 लाख की ठगी 7 पर केस दर्ज

गाजीपुर के युवक से वाराणसी में कतर नौकरी के नाम पर 22 लाख की ठगी 7 पर केस दर्ज

गाजीपुर के बेरोजगार युवक से वाराणसी में कतर की नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख रुपये की ठगी की गई, 7 लोगों पर केस दर्ज

गाजीपुर के एक बेरोजगार युवक से सात लोगों ने वाराणसी में नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख रुपए ऐंठ लिए और उसे नकली वीजा थमा दिया। मामला अब उजागर हो गया है और पीड़ित की शिकायत पर लालपुर पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार के निर्देश पर हुई। पुलिस का कहना है कि इस पूरी ठगी का मास्टरमाइंड अमेठी का रहने वाला मुन्शीर अहमद है जबकि उसके साथियों में अन्य छह लोग भी शामिल हैं। फिलहाल पुलिस टीम सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

पीड़ित युवक प्रियतोष तिवारी ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद उसकी नौकरी चली गई थी और घर के खर्चों को पूरा करने के लिए वह नई नौकरी की तलाश में वाराणसी आकर सोयेपुर इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। वह छोटी मोटी नौकरियों से गुजारा कर रहा था। इसी दौरान फरवरी 2022 में उसकी मुलाकात अमेठी निवासी मुन्शीर अहमद और महाराष्ट्र के रायगढ़ निवासी मतीन रज्जाक से हुई। दोनों ने कतर में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा दिया और इसके बदले 22 लाख रुपए की मांग की। घर की जिम्मेदारी और बेरोजगारी के दबाव में आकर प्रियतोष ने उनकी बात मान ली और किस्तों में पैसे देने शुरू कर दिए।

उसने बताया कि 15 लाख रुपए यूपीआई के जरिए ट्रांसफर किए जबकि 7 लाख रुपए कैश में दिए। पैसे मिलने के बाद मुन्शीर अहमद और मतीन रज्जाक ने एक वीजा थमाया। संदेह होने पर जब प्रियतोष ने उसे जांच करवाया तो पता चला कि वीजा नकली है। इस पर उसने आरोपियों से संपर्क किया तो उसे लखनऊ बुलाया गया और आश्वासन दिया गया कि रकम लौटा दी जाएगी। लेकिन लखनऊ पहुंचने पर आरोपी उसे लगातार टालते रहे और कई दिनों तक घुमाते रहे।

स्थिति बिगड़ने पर जब प्रियतोष ने पैसे वापस मांगने का दबाव बनाया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसने बताया कि इस दौरान उसके सामने मुन्शीर अहमद और मतीन रज्जाक के साथ देव कपूर, पंकज कपूर, इकरामुद्दीन, निजामुद्दीन और मनोज केसरवानी भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर उसे डराया धमकाया और रुपये मांगने पर गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। जान बचाकर किसी तरह भागने के बाद उसने पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

प्रियतोष का आरोप है कि मुन्शीर अहमद पर पहले से ही कई धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुका है। इसलिए यह गैंग पूरी तरह संगठित तरीके से भोले भाले युवकों को विदेश में नौकरी का लालच देकर ठगी कर रहा है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुन्शीर अहमद, मतीन रज्जाक, देव कपूर, पंकज कपूर, इकरामुद्दीन, निजामुद्दीन और मनोज केसरवानी के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 316(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 351(2), 352 और 61(2) में मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।

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