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वाराणसी: आज से नए नगर आयुक्त बने हिमांशु नागपाल, शहर के विकास की उम्मीदें बढ़ी

वाराणसी: आज से नए नगर आयुक्त बने हिमांशु नागपाल, शहर के विकास की उम्मीदें बढ़ी

वाराणसी को आज नए नगर आयुक्त के रूप में आईएएस हिमांशु नागपाल मिलेंगे, उनके प्रभावी कार्यकाल से शहर के विकास की उम्मीदें जगी हैं।

वाराणसी: काशी को स्वच्छ और स्मार्ट सिटी के रूप में आगे बढ़ाने की दिशा में एक नया कदम आज से शुरू होने जा रहा है। वाराणसी के नए नगर आयुक्त के रूप में आईएएस हिमांशु नागपाल गुरुवार दोपहर अपना कार्यभार संभालेंगे। हिमांशु नागपाल ने सीडीओ वाराणसी रहते हुए ग्रामीण इलाकों में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य कराए थे, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया। अब जब उन्हें नगर क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो लोगों में यह उम्मीद जगी है कि उनकी कार्यशैली शहर की कई पुरानी समस्याओं का समाधान कर सकेगी।

हिमांशु नागपाल अपने सख्त प्रशासनिक रवैये और विकास कार्यों के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। सीडीओ रहते हुए उन्होंने ग्राम पंचायतों में स्वच्छता, जल संरक्षण, सड़क निर्माण और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया। यही वजह है कि जिले में उनका कार्यकाल काफी प्रभावी माना गया। अब जब वे नगर आयुक्त बन रहे हैं, तो वाराणसी के शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है।

हरियाणा के हिसार के रहने वाले आईएएस हिमांशु नागपाल की जीवन कहानी कई युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। वे वर्ष 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। हिमांशु ने अपने पिता और भाई की मृत्यु के बाद खुद को संभालते हुए असाधारण सफलता प्राप्त की और यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 26 हासिल की। उनके संघर्ष और समर्पण ने यह साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत इच्छाशक्ति व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।

हिमांशु नागपाल ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनके जीवन की दिशा उनके पिता के आखिरी शब्दों ने तय की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की और बाद में प्राइवेट स्कूल में दाखिला लिया। दसवीं कक्षा में उन्होंने 80 प्रतिशत और बारहवीं में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की।

कॉलेज में दाखिले के समय उनके पिता ने बुलेटिन बोर्ड पर टॉपर्स के नाम देखे और इच्छा जताई थी कि एक दिन वे हिमांशु का नाम भी वहां देखना चाहते हैं। दुर्भाग्य से कुछ समय बाद उनके पिता का निधन हो गया, लेकिन हिमांशु ने उसी दिन यह निश्चय किया कि वे पिता की अधूरी इच्छा को पूरा करेंगे।

हिमांशु नागपाल ने किसी कोचिंग की मदद के बिना केवल आत्मअध्ययन के दम पर यूपीएससी परीक्षा पास की। उस समय उनकी उम्र मात्र 22 वर्ष थी। उन्होंने कहा था कि पिता और भाई के निधन ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया था, लेकिन मां और चाचा ने उन्हें हिम्मत दी कि वे फिर से खड़े हों और अपने सपनों को साकार करें।

अब जब हिमांशु नागपाल वाराणसी नगर निगम की कमान संभालने जा रहे हैं, तो लोगों में नई उम्मीदें जागी हैं। शहर की सफाई, जलजमाव, यातायात और अव्यवस्थित विकास जैसी चुनौतियों के बीच यह जिम्मेदारी आसान नहीं होगी। लेकिन उनके पिछले कार्यकाल को देखते हुए लोगों का मानना है कि वे योजनाबद्ध और सख्त प्रशासनिक दृष्टिकोण के साथ शहर को नई दिशा देंगे।

वाराणसी प्रशासन ने भी उनके नेतृत्व में नगर सेवाओं को बेहतर बनाने और विकास कार्यों की गति तेज करने की उम्मीद जताई है। हिमांशु नागपाल का कार्यभार संभालना न केवल शहर के लिए बल्कि उन सभी युवाओं के लिए भी प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहते हैं।

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