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आईआईटी बीएचयू में 6 अक्टूबर से संस्कृत सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स शुरू

आईआईटी बीएचयू में 6 अक्टूबर से संस्कृत सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स शुरू

आईआईटी बीएचयू में 6 अक्टूबर से संस्कृत सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे, बिना पूर्व ज्ञान के भी कर सकेंगे पंजीकरण।

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में छह अक्टूबर से संस्कृत भाषा में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। ये कोर्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंडियन नॉलेज सिस्टम और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की संयुक्त पहल में संचालित किए जाएंगे। दोनों कोर्सों की अवधि दस महीने की होगी और इसमें पंजीकरण की अंतिम तिथि पांच अक्टूबर तय की गई है।

सप्ताह में तीन दिन सोमवार, मंगलवार और बुधवार को शाम छह से सात बजे एबीएलटी हॉल में कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। कोर्स की कुल फीस 1500 रुपये रखी गई है, जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस, परीक्षा शुल्क और पांच आवश्यक पुस्तकें शामिल हैं। कोर्स के पूरा होने पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स में भाग लेने के लिए संस्कृत का पूर्व ज्ञान आवश्यक नहीं है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल स्तर की है, जबकि डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगा जिन्होंने सर्टिफिकेट कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया हो।

आईआईटी बीएचयू के अलावा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश में कुल 14 स्थानों पर संस्कृत अध्ययन केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें आर्य महिला पीजी कॉलेज, आईएमएस बीएचयू का आयुर्वेद संकाय, आईआईटी कानपुर, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद, मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रमुख हैं। पूरे देश में कुल 161 अध्ययन केंद्र बनाए गए हैं, जहां विभिन्न संस्कृत कोर्स चलाए जाएंगे।

आईआईटी बीएचयू की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए क्यूआर कोड जारी किया गया है। इच्छुक अभ्यर्थी इसे स्कैन करके ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणाली और संस्कृत भाषा के अध्ययन को बढ़ावा देना है।

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