15 अगस्त 2025, भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस। यह दिन सिर्फ एक ऐतिहासिक तारीख नहीं, बल्कि एक जीता-जागता प्रमाण है उस अनवरत संघर्ष का, जिसने हमें गुलामी की अंधेरी रात से आज़ादी की सुनहरी सुबह तक पहुँचाया। तिरंगे की लहराती हुई छवि, राष्ट्रगान की गूंज, और लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का संबोधन, ये सब हमें उस गौरवशाली यात्रा की याद दिलाते हैं जो 1947 में शुरू हुई और आज भी जारी है।
आज़ादी की यात्रा, संघर्ष, बलिदान और जनशक्ति
भारत की आज़ादी कोई एक दिन का परिणाम नहीं थी, बल्कि लगभग दो शताब्दियों के संघर्ष, असंख्य बलिदानों और लाखों गुमनाम नायकों की मेहनत का फल थी।
अहिंसा की राह, महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा को हथियार बनाकर करोड़ों लोगों को आज़ादी की लड़ाई में शामिल किया। चम्पारण सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्य की नैतिक नींव हिला दी।
क्रांतिकारी ज्वाला, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाक उल्ला खान जैसे क्रांतिकारियों ने अपने साहस और बलिदान से युवाओं के दिलों में देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की।
सुभाष चंद्र बोस का साहस तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा, का नारा देकर आज़ाद हिंद फौज के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश शासन को सीधी चुनौती दी।
इन सभी धाराओं का संगम ही 15 अगस्त 1947 की उस ऐतिहासिक सुबह का कारण बना जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की। 2025 का भारत प्रगति की ओर अग्रसर राष्ट्र। 79 वर्षों की यात्रा में भारत ने कई उपलब्धियाँ हासिल कीं। तकनीकी क्रांति डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया ने भारत को वैश्विक तकनीकी और विनिर्माण केंद्र के रूप में उभारा।
अंतरिक्ष और विज्ञान, चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर गगनयान मिशन की तैयारी तक, भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी देशों में शामिल हुआ। आर्थिक विकास, 2025 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सांस्कृतिक एकता, हर घर तिरंगा और एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसे अभियानों ने विविधता में एकता की भावना को मजबूत किया।
चुनौतियां,जिनसे पार पाना है
आज़ादी का जश्न मनाते हुए हमें उन चुनौतियों को भी याद रखना होगा जिनका सामना आज का भारत कर रहा है, बेरोज़गारी और कौशल विकास की आवश्यकता, पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का खतरा।सामाजिक असमानता और डिजिटल युग में फेक न्यूज़ का प्रसार सीमाओं पर सुरक्षा और वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता। भविष्य का संकल्प, आज़ादी की रक्षा और प्रगति का मार्ग
79वां स्वतंत्रता दिवस हमें यह सोचने का अवसर देता है कि क्या हम उन बलिदानों के योग्य भारत का निर्माण कर रहे हैं?
आज हमें संकल्प लेना होगा कि, हम लोकतंत्र, न्याय और समानता के मूल्यों की रक्षा करेंगे।हम विज्ञान, शिक्षा और तकनीकी में आत्मनिर्भर बनेंगे। हम पर्यावरण की सुरक्षा और सामाजिक एकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।
स्वतंत्रता कोई मंज़िल नहीं, यह एक सतत यात्रा है।
15 अगस्त 2025 का यह 79वां स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि आज़ादी की लौ केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन करने वाली ज्योति है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि इस ज्योति को आने वाली पीढ़ियों तक और भी प्रखर बनाकर पहुंचाएं।
79वां स्वतंत्रता दिवस: आज़ादी की लौ और नये भारत का संकल्प एक गौरवशाली यात्रा

भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस आज़ादी के अनवरत संघर्ष, बलिदान और नये भारत के संकल्प की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है।
Category: india history national affairs
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