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जौनपुर: छह साल पहले हुए हत्या मामले में चार दोषियों को उम्रकैद, 15 हजार जुर्माना

जौनपुर: छह साल पहले हुए हत्या मामले में चार दोषियों को उम्रकैद, 15 हजार जुर्माना

जौनपुर में छह साल पुराने हत्या मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें चार दोषियों को उम्रकैद और 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में छह साल पहले हुए एक हत्या मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के फत्तूपुर कला गांव में अगस्त 2019 में हुई इस वारदात ने उस समय पूरे इलाके को दहला दिया था। मामूली बात पर दुकान पर शुरू हुआ विवाद कुछ ही मिनटों में हिंसक झड़प में बदल गया था, जिसके दौरान वादी के पिता की पिटाई से मौत हो गई थी। अब इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रणजीत कुमार की अदालत ने दोषी पाए गए पिता और उसके दो बेटों समेत चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

मामले की शुरुआत उस दिन हुई जब वादी चंद्र प्रताप सिंह अपने भाई रुद्र प्रताप के साथ समोसा खाने के लिए फत्तूपुर कला स्थित एक दुकान पर गए थे। दुकान पर पहले से धर्मेंद्र बिंद, विपिन बिंद और दिलीप बिंद बैठे हुए थे। रुद्र प्रताप ने विपिन से कहा कि वह इन दिनों छोटी बात पर भी सरिया निकाल लेता है और इस तरह की हरकत से बचना चाहिए। इसी बात पर वहां बहस शुरू हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। दुकानदार ने बीच बचाव करके मामले को शांत कराया, जिसके बाद वादी और उसका भाई पास की दूसरी दुकान पर चले गए।

लेकिन करीब पंद्रह से बीस मिनट बाद स्थिति अचानक बिगड़ गई। दिलीप बिंद और रामप्रसाद बिंद दुकान पर मौजूद थे, तभी धर्मेंद्र, मिठाई लाल बिंद और विपिन हाथों में लाठी, डंडा और सरिया लेकर पहुंचे। उन्होंने अचानक वादी और उसके भाई पर हमला कर दिया और दोनों को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर वादी के पिता विजय बहादुर सिंह बीच बचाव के लिए आए, लेकिन आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। पिटाई के बाद वे जमीन पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने विजय बहादुर सिंह को मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। विवेचना पूरी होने पर पुलिस ने सभी साक्ष्यों के साथ केस डायरी कोर्ट में दाखिल की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद मिठाई लाल बिंद, उनके पुत्र दिलीप और धर्मेंद्र बिंद तथा चौथे आरोपी राम प्रसाद बिंद को दोषी करार दिया। वहीं आरोपी विपिन के अवयस्क होने के कारण उसकी पत्रावली 13 अक्टूबर 2025 को किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई थी।

अदालत के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने संतोष जताया है। उनका कहना है कि यह फैसला न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं गांव में भी इस निर्णय को लेकर चर्चा जारी है क्योंकि छह साल पुराने इस मामले ने इलाके में लंबे समय तक तनाव की स्थिति बनाए रखी थी। पुलिस ने कहा है कि फैसले के बाद अब इस मामले से जुड़े सभी औपचारिक कदम तेजी से पूरे किए जाएंगे।

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