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जौनपुर जंक्शन CCTV विफल, बिना निगरानी यात्रियों की आवाजाही जारी

जौनपुर जंक्शन CCTV विफल, बिना निगरानी यात्रियों की आवाजाही जारी

जौनपुर जंक्शन पर तीन साल पहले निर्भया फंड से लगे सभी 40 सीसीटीवी कैमरे अप्रैल 2023 से बंद पड़े हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है।

जौनपुर जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा इन दिनों गंभीर सवालों के घेरे में है। जिले के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन पर करीब तीन वर्ष पहले लगाए गए सभी 40 सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह बंद पड़े हैं। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब हाल ही में दिल्ली में हुए धमाके के बाद देशभर में रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा निगरानी को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

जौनपुर जिले की लगभग 60 लाख जनसंख्या के लिए यह जंक्शन बेहद अहम माना जाता है। यहां प्रतिदिन 36 जोड़ी ट्रेनें आना-जाना करती हैं और हजारों यात्री प्लेटफॉर्मों पर मौजूद रहते हैं। टिकट लेकर यात्रा करने वालों की संख्या औसतन 1200 के आसपास रहती है, जबकि स्टेशन परिसर में 200 से 500 लोग हर समय मौजूद रहते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों का सक्रिय होना बेहद आवश्यक है।

वर्ष 2022 में निर्भया फंड से स्टेशन पर 40 कैमरे लगाए गए थे। इनका उद्देश्य एकीकृत कंट्रोल रूम के माध्यम से प्लेटफॉर्म, स्टेशन प्रवेश, एस्केलेटर, टिकट घर और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी करना था। कैमरों की स्थापना वर्ष 2021 में शुरू हुई थी और 12 मार्च 2022 को कार्यदायी संस्था रेलटेल ने इन्हें आरपीएफ पोस्ट को हैंडओवर कर दिया था।

करीब एक वर्ष तक ये कैमरे अच्छी तरह कार्य करते रहे, लेकिन अप्रैल 2023 से धीरे-धीरे सभी कैमरे बंद होते गए। अब स्थिति यह है कि पूरे स्टेशन पर एक भी कैमरा चालू नहीं है। आरपीएफ और जीआरपी को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की निगरानी, अपराध की जांच या घटना के बाद तथ्यों की पुष्टि में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जिन स्टेशनों से बड़ी संख्या में यात्री गुजरते हैं, वहां सीसीटीवी मानक सुरक्षा व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा होते हैं। जौनपुर जंक्शन जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन पर इनका बंद होना सुरक्षा जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है।

स्टेशन अधीक्षक राम प्रकाश यादव ने पुष्टि की है कि स्टेशन पर लगे सभी 40 कैमरे बंद हैं। उन्होंने कहा कि कैमरों की तकनीकी समस्या और रखरखाव से जुड़ी जानकारी एसएसके टेलीकॉम ही बता सकता है, जो इनकी देखरेख के लिए जिम्मेदार है। रेलवे अधिकारियों और सुरक्षा इकाइयों ने भी माना है कि कैमरों के बंद होने से सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है और उन्हें जल्द ठीक करना जरूरी है।

स्थानीय यात्री संगठनों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और रेलवे से मांग की है कि कैमरों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। दिल्ली धमाके के बाद रेलवे सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के बीच जौनपुर जंक्शन पर यह स्थिति गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।

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