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जौनपुर: नाले की चपेट में आए युवक-युवती, परिजनों का फूटा गुस्सा, देर रात मिले शव

जौनपुर: नाले की चपेट में आए युवक-युवती, परिजनों का फूटा गुस्सा, देर रात मिले शव

जौनपुर में भारी बारिश के बाद नाले में बहे युवक और युवती के शव मिले, बचाने की कोशिश में एक ई-रिक्शा चालक की भी करंट लगने से मौत हो गई।

जौनपुर: सोमवार की शाम हुई बारिश ने एक दर्दनाक हादसे का रूप ले लिया। कोतवाली क्षेत्र के मछलीशहर पड़ाव पर पानी के तेज बहाव में बहकर लापता हुए युवक और युवती का शव कई घंटों की मशक्कत के बाद मंगलवार की रात बरामद किया गया। यह घटना जहां स्थानीय लोगों को हिला गई, वहीं प्रशासन की देर से सक्रियता को लेकर परिजनों और भीड़ ने जमकर आक्रोश भी जताया।

सोमवार की शाम करीब साढ़े पाँच बजे मियांपुर, थाना लाइन बाजार की रहने वाली प्राची मिश्रा (21), जो टीडी कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी, ब्यूटीशियन कोर्स से लौटते वक्त ई-रिक्शा में बैठने के लिए खड़ी थी। ई-रिक्शा के पास ही नाला था और पानी का बहाव काफी तेज था। पैर फिसलने से वह अचानक नाले में जा गिरी। उसे बचाने की कोशिश में प्रयागराज जिले के फूलपुर निवासी समीर (18) पुत्र शौकत अली भी बह गया।

हादसा यहीं नहीं थमा। पास में मौजूद ई-रिक्शा चालक शिवा गौतम (26) पुत्र जमुना गौतम, जो बक्शा के कुल्हनामऊ गांव का रहने वाला था, ने साहस दिखाते हुए युवती को बचाने के लिए बिजली के खंभे को पकड़कर हाथ बढ़ाया। दुर्भाग्यवश करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। देखते-ही-देखते घटनास्थल चीख-पुकार और अफरातफरी से भर गया।

प्रत्यक्षदर्शी सफाईकर्मी सलमान ने पहले दिन केवल युवती के नाले में बहने और रिक्शा चालक की करंट से मौत की जानकारी दी थी। लेकिन अगले दिन उसने स्पष्ट किया कि हादसे में उसका रिश्तेदार समीर भी बह गया था। सलमान का कहना था कि वह पहले दिन घबराहट और डर के कारण पूरी सच्चाई सामने नहीं रख सका।

घटना के बाद से ही जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर जुटे रहे। पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ कुमार, एडिशनल एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह, सीओ सिटी देवेश सिंह, ईओ पवन कुमार समेत तमाम अफसर राहत कार्यों में लगे रहे। हालांकि, परिजनों और स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई कि एसडीआरएफ की टीम सुबह तक मौके पर नहीं पहुंची। इससे आक्रोशित परिजनों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। कुछ देर बाद पहुंची एसडीआरएफ और पीएसी की टीमों ने युद्धस्तर पर खोजबीन शुरू की।

लंबे इंतजार और अथक प्रयासों के बाद आखिरकार मंगलवार की रात समीर का शव करीब साढ़े सात बजे और प्राची का शव साढ़े आठ बजे पठान टोलिया नाले में कचरे के बीच फंसा मिला। शवों को बाहर निकालते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया और माहौल गमगीन हो उठा। पुलिस को हालात काबू में करने में मशक्कत करनी पड़ी।

एडीएम भू-राजस्व अजय कुमार अम्बष्ट ने कहा कि प्रशासन, नगर पालिका और राहत टीमों के बेहतर समन्वय से दोनों शवों की बरामदगी संभव हो सकी। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और प्रभावित परिवारों को निर्धारित आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच तीन सदस्यीय समिति करेगी और रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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