News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

आयुष्मान भारत योजना में डिजिटल सेंधमारी का खुलासा, STF ने 7 जालसाज दबोचे

आयुष्मान भारत योजना में डिजिटल सेंधमारी का खुलासा, STF  ने 7 जालसाज दबोचे

यूपी एसटीएफ ने आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों की डिजिटल सेंधमारी करने वाले मास्टरमाइंड समेत 7 जालसाजों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

लखनऊ: गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने वाली केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी 'आयुष्मान भारत योजना' (PM-JAY) में एक बड़े और बेहद सुनियोजित फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजधानी लखनऊ से एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगा रहा था। एसटीएफ ने गोमतीनगर विस्तार इलाके से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत सात शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से भारी मात्रा में कूटरचित डाटा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं।

सुरक्षा मानकों को धता बताकर ओटीपी बाईपास का खेल
एसटीएफ की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। यह गिरोह महज फर्जी कार्ड छापने तक सीमित नहीं था, बल्कि इन्होंने योजना के तकनीकी ढांचे में ही सेंध लगा दी थी। गिरफ्तार अभियुक्त तकनीकी रूप से बेहद शातिर हैं और 'ओटीपी बाईपास' (OTP Bypass) तकनीक का इस्तेमाल कर रहे थे। ये जालसाज किसी भी पात्र लाभार्थी की 'फैमिली आईडी' (Family ID) में अवैध तरीके से बाहरी लोगों का नाम बतौर सदस्य जोड़ देते थे। हैरानी की बात यह है कि इसके लिए आवश्यक ओटीपी सत्यापन की प्रक्रिया को भी ये बाईपास कर जाते थे, जिससे असली कार्डधारक को भनक तक नहीं लगती थी कि उनके परिवार के खाते में किसी अनजान व्यक्ति को जोड़ा गया है।

सिस्टम की मिलीभगत और करोड़ों का वारा-न्यारा
इस फर्जीवाड़े की जड़ें काफी गहरी दिखाई दे रही हैं। एसटीएफ के मुताबिक, फर्जी तरीके से जोड़े गए सदस्यों के कार्ड को अप्रूव कराने के लिए आईएसए (Implementation Support Agency) और एसएचए (State Health Agency) के सिस्टम का दुरुपयोग किया गया। हजारों की संख्या में अपात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड धड़ल्ले से जारी किए गए। इन फर्जी कार्डों के जरिए निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर सरकार से करोड़ों रुपये का क्लेम पास कराया गया, जिससे सीधे तौर पर सरकारी खजाने को भारी राजस्व की हानि हुई है। जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि इस खेल में कुछ विभागीय या एजेंसी स्तर के कर्मियों की संलिप्तता भी हो सकती है, जिसकी गहनता से जांच की जा रही है।

गोमतीनगर विस्तार से हुई गिरफ्तारी और बरामदगी
मुखबिर की सटीक सूचना और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से एसटीएफ की टीम ने लखनऊ के थाना गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र स्थित विजय नगर कॉलोनी, खरगापुर में छापा मारा। यहां से गिरोह का संचालन किया जा रहा था। मौके से गिरोह के सरगना चंद्रभान वर्मा को गिरफ्तार किया गया। उसके साथ ही उसके छह अन्य सहयोगियों राजेश मिश्रा, सुजीत कनौजिया, सौरभ मौर्य, विश्वजीत सिंह, रंजीत सिंह और अंकित यादव को भी दबोच लिया गया है। तलाशी के दौरान टीम को लैपटॉप, मोबाइल फोन और दस्तावेजों का जखीरा मिला है, जिसमें कूटरचित आयुष्मान कार्डों से जुड़ा अहम डाटा मौजूद है।

एसटीएफ अब बरामद लैपटॉप और दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच करवा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अब तक कितने हजार फर्जी कार्ड बनाए गए हैं और किन-किन अस्पतालों में इनका इस्तेमाल किया गया है। पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
News Report Youtube Channel

LATEST NEWS