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कानपुर: जेल से छूटते ही गुंडा रिटर्न्स का जश्न, 200 बाइकों के साथ निकला जुलूस, पुलिस बनी दर्शक

कानपुर: जेल से छूटते ही गुंडा रिटर्न्स का जश्न, 200 बाइकों के साथ निकला जुलूस, पुलिस बनी दर्शक

कानपुर में हत्या के प्रयास के आरोप में जेल गए राहुल राजपूत उर्फ नन्नू की जमानत पर रिहाई के बाद समर्थकों ने भव्य रोड शो निकाला, जिसमें पटाखे फोड़े गए और ट्रैफिक जाम किया गया।

कानपुर: शहर में सोमवार रात एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने न सिर्फ आम लोगों को चौंकाया, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए। चकेरी थाने में हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले में जेल भेजे गए आरोपी राहुल राजपूत उर्फ नन्नू को जमानत पर रिहा होने के बाद इस तरह से स्वागत मिला जैसे वह कोई फिल्मी सुपरस्टार हो। 200 से अधिक मोटरसाइकिलों और दर्जनों चारपहिया वाहनों के साथ रोड शो निकाला गया, पटाखों की गूंज से इलाके की सड़कें थर्रा उठीं और पूरा माहौल किसी जश्न की तरह सजा नजर आया। यह सब कुछ हुआ, शहर की सड़कों पर और पुलिस की आंखों के सामने।

यह मामला अब न केवल शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद शासन-प्रशासन भी हरकत में आ गया है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह भारी संख्या में लोग आरोपी के स्वागत में सड़कों पर उतरे और ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई। इस नजारे को देखकर आम नागरिकों में भी असमंजस और असुरक्षा की भावना देखी गई।

घटना की पृष्ठभूमि में जाएं तो मामला चकेरी थाना क्षेत्र के कांशीराम कॉलोनी निवासी और लोहा व्यापारी रोहित वर्मा से जुड़ा है, जिन पर 17 मई की रात को जानलेवा हमला किया गया था। जानकारी के अनुसार, रात करीब 12:30 बजे जब रोहित अपने दोस्त अमन के साथ बाइक से लौट रहे थे, तभी गड़रियनपुरवा निवासी साहिल साहू उर्फ दलाल, मरियमपुर निवासी राहुल राजपूत उर्फ नन्नू और वीशू थापा ने गुंडों के साथ मिलकर रास्ते में उनकी घेराबंदी कर दी और लाठी-डंडों से हमला कर उन्हें मरणासन्न हालत में छोड़ कर फरार हो गए।

हमले के बाद रोहित की पत्नी इंद्राणी ने चकेरी थाने में गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें हत्या का प्रयास, जान से मारने की धमकी, और मारपीट जैसे आरोप शामिल थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन अब, जब इनमें से एक आरोपी राहुल उर्फ नन्नू जमानत पर छूटकर बाहर आया, तो उसका स्वागत न केवल खुलेआम किया गया, बल्कि कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए भारी वाहन जुलूस और आतिशबाजी के माध्यम से पूरे इलाके में उपद्रव जैसा माहौल बना दिया गया।

इस पूरे घटनाक्रम पर अब कानपुर पुलिस भी जांच के मोड में आ गई है। एसीपी अभिषेक पांडे ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। यदि जांच में सामने आए तथ्यों की पुष्टि होती है, तो आरोपी और आयोजकों के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने जहां एक तरफ कानपुर में अपराधियों के हौसले और उनके सामाजिक प्रभाव को उजागर किया है, वहीं यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या पुलिस की निगरानी और खुफिया व्यवस्था इस तरह की खुली चुनौती के आगे विफल होती जा रही है? स्थानीय लोगों और व्यापारियों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि ऐसे गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी को इस तरह से सम्मानित किया जाना न केवल समाज के लिए घातक संकेत है, बल्कि यह कानून के प्रति उपेक्षा का खुला प्रदर्शन भी है।

अब देखना यह है कि कानपुर पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और वायरल हो रहे वीडियो व आयोजनकर्ताओं के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं। फिलहाल, शहर में यह घटना एक बहस का मुद्दा बन चुकी है कि कानून का भय अगर खत्म हो गया है, तो न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता कैसे कायम रहेगी।

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Category: crime uttar pradesh

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