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लखीमपुर: जीजा-साली के विवाह पर गांव में अमानवीय सज़ा, जूतों की माला पहनाकर घुमाया, की आत्महत्या की कोशिश

लखीमपुर: जीजा-साली के विवाह पर गांव में अमानवीय सज़ा, जूतों की माला पहनाकर घुमाया, की आत्महत्या की कोशिश

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जीजा-साली के विवाह करने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाया, जिसके बाद दोनों ने आत्महत्या करने की कोशिश की।

लखीमपुर खीरी: मझगईं थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक हैरान करने वाली घटना ने सामाजिक सोच, परंपरा और मानवीय संवेदनाओं के टकराव को सामने ला दिया। फूलबेहड़ थाना क्षेत्र के एक युवक और मझगईं क्षेत्र की युवती, जो आपसी रिश्ते में जीजा-साली थे, ने समाज के बंधनों को तोड़ते हुए विवाह कर लिया और जब वे शादी के बाद गांव पहुंचे, तो उन्हें ऐसी अमानवीय सजा का सामना करना पड़ा, जिसने पूरे गांव को शर्मसार कर दिया।

बताया जा रहा है कि दोनों परिवारों को इस रिश्ते की जानकारी पहले से थी, लेकिन जब जीजा और साली ने घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर विवाह कर लिया और मंगलसूत्र तथा सिंदूर के साथ गांव पहुंचे, तो यह कदम ग्रामीणों को अस्वीकार्य लगा। गांव में दोनों की मौजूदगी से आक्रोशित भीड़ ने उन्हें घेर लिया और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। गांव वालों ने लड़के को थप्पड़ मारे, गालियां दीं और दोनों को जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। यह घटना मंगलवार, 10 जून को हुई, लेकिन इसका वीडियो बुधवार को सामने आया, जिसने हर तरफ चिंता और निंदा का माहौल बना दिया।

गांव के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह घटना अचानक नहीं घटी। कुछ दिन पहले ही युवती के भाई ने इस रिश्ते से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली थी। इसी को लेकर गांव वालों में गुस्सा था, और इसी क्रोध ने मंगलवार को बर्बरता का रूप ले लिया। भीड़ ने सामाजिक मर्यादाओं की दुहाई देकर अपने ही गांव के दो लोगों को इतनी यातना दी कि दोनों ने पास ही मौजूद एक कुएं में कूदकर जान देने की कोशिश की।

हालांकि मौके पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने किसी तरह साहस दिखाते हुए उन्हें बाहर निकाल लिया और उनकी जान बचाई। लेकिन इसके बाद भी अपमान का सिलसिला रुका नहीं। गांव वालों ने जीजा को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारे, ताने दिए और फिर दोनों को जूते-चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। ये दृश्य न केवल मानवता को शर्मसार करते हैं बल्कि यह भी सवाल उठाते हैं कि समाज किस हद तक जाकर ‘सम्मान’ के नाम पर कानून और नैतिकता की धज्जियां उड़ाता है।

घटना की सूचना पर जब गांव के प्रधान मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने स्थिति को बिगड़ते देख तुरंत हस्तक्षेप किया और भीड़ से दोनों को छुड़ाया। प्रधान की सूझबूझ से दोनों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, जिससे एक बड़ी अनहोनी टल गई।

मामले पर मझगईं थाना प्रभारी राजू राव ने कहा कि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि जो वीडियो सामने आया है, उसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की संलिप्तता या दोष सामने आता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में सामाजिक सोच और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के टकराव का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा है। सवाल यह है कि क्या व्यक्तिगत पसंद और वैवाहिक स्वतंत्रता के अधिकार को समाज इस तरह कुचलता रहेगा, या समय के साथ हमें अपने दृष्टिकोण में भी बदलाव लाना होगा।

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या एक लोकतांत्रिक देश में किसी को केवल इसलिए सरेआम सजा दी जा सकती है क्योंकि उसने परंपरा से अलग रास्ता चुना। समाज को अब जागरूक करने की जरूरत है। जहां परंपरा और सम्मान के नाम पर हिंसा और अपमान को वैध नहीं ठहराया जा सकता। यह मामला कानून व्यवस्था और सामाजिक सुधार दोनों के लिए एक गहरी चुनौती पेश करता है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 12 Jun 2025 12:07 AM (IST)
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Tags: lakhimpur kheri crime news uttar pradesh news

Category: crime uttar pradesh

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