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लखनऊ: 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी की रिहर्सल में दिखा देश-विदेश की संस्कृतियों का संगम

लखनऊ: 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी की रिहर्सल में दिखा देश-विदेश की संस्कृतियों का संगम

लखनऊ में 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी की रिहर्सल हुई, जिसमें देश-विदेश के छात्रों ने पारंपरिक वेशभूषा में एकता व देशभक्ति का प्रदर्शन किया।

लखनऊ के वृंदावन योजना में 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी की तैयारियों ने पूरे क्षेत्र को एकता, उत्साह और युवा ऊर्जा से भर दिया है। अटल स्टेडियम में रविवार को आयोजित रिहर्सल ने यह साफ कर दिया कि इस राष्ट्रीय आयोजन में देश ही नहीं दुनिया के कई देशों की झलक दिखाई देगी। विभिन्न राज्यों और देशों से आए छात्रों ने पारंपरिक वेशभूषा और स्काउट-गाइड की ड्रेस में पूरे मैदान को रंगीन और जीवंत माहौल से भर दिया।

रिहर्सल में झारखंड से आई छात्राओं ने अपनी पारंपरिक साड़ी, मोरपंख और लाल-सफेद माला के साथ सबका ध्यान खींचा, जबकि गुजरात की छात्राएं चनिया चोली और ओढ़नी में नजर आईं। अन्य राज्य भी अपनी विशिष्ट पारंपरिक झलक के साथ पहुंचे। इसके साथ ही जब सभी टीमों ने एक स्वर में सुजलाम सुफलाम और वंदे मातरम का गायन किया तो वातावरण देशभक्ति की भावना से सराबोर हो गया।

रिहर्सल में लगभग 28 राज्यों, आठ केंद्र शासित प्रदेशों और आठ देशों की 44 टीमों ने हिस्सा लिया। पूरे परिसर में राष्ट्रभक्ति का जोश और अनुशासन का अद्भुत दृश्य दिखाई दिया। कार्यक्रम आयोजक अमर बी मैत्री ने सभी टीमों को फ्लैग सैल्यूट, मार्च पास्ट और बैंड की तालमेल की विस्तृत जानकारी दी। यह प्रशिक्षण दो चरणों में आयोजित किया गया जिसमें युवाओं ने पूरे मनोयोग से हिस्सा लिया।

झारखंड के धनबाद से आई छात्राओं ने बताया कि यह उनके लिए एक बड़ा अनुभव है। उन्होंने कहा कि जम्बूरी न केवल देश को जोड़ने का माध्यम है, बल्कि इसने उन्हें घर से बाहर निकलकर देशभर के युवाओं से जुड़ने का अवसर दिया है। उनके अनुसार यह आयोजन उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ा रहा है।

वाराणसी की सनबीम भगवानपुर की सी स्काउट टीम अपनी सफेद नैवी प्रेरित वर्दी में आकर्षण का केंद्र रही। टीम लीडर मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि यह वर्दी पहनना उनके लिए गर्व की बात है और इससे भारतीय नौसेना में जाने का सपना और मजबूत हो गया है।

एडवेंचर पार्क में युवाओं ने साहसिक गतिविधियां प्रदर्शित कीं। लगभग 350 एकड़ में फैले जम्बूरी परिसर में देशभक्ति और एकता की भावना स्पष्ट दिखाई दी। इस आयोजन का एक विशेष पहलू यह भी है कि स्काउट-गाइड प्रतिदिन 100 यूनिट रक्तदान करेंगे। सात दिनों में लगभग 700 लोगों की जान बचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम युवाओं की सेवा भावना और समर्पण को दर्शाता है।

जम्बूरी परिसर में बने एरिना का नाम अटल स्टेडियम रखा गया है। इसके अलावा सांस्कृतिक और चर्चा सभागारों को सरदार वल्लभभाई पटेल और मदन मोहन मालवीय के नाम दिए गए हैं। अस्पताल का नाम चरक अस्पताल और दो एडवेंचर सेंटर का नाम मेजर ध्यानचंद सेंटर रखा गया है।

राष्ट्रीय जम्बूरी न सिर्फ सांस्कृतिक विविधता का संगम है, बल्कि यह युवा ऊर्जा, अनुशासन, सेवा और एकता का एक अद्भुत उत्सव बनकर उभर रहा है।

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