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लखनऊ में मुख्य न्यायाधीशों का 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू, सीएम योगी ने किया उद्घाटन

लखनऊ में मुख्य न्यायाधीशों का 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू, सीएम योगी ने किया उद्घाटन

लखनऊ में 52 देशों के मुख्य न्यायाधीशों का 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया।

लखनऊ में सिटी मांटेसरी स्कूल कानपुर रोड ब्रांच में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम में 52 देशों के मुख्य न्यायाधीश, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, संसदीय अधिकारी, कानूनविद और वैश्विक न्याय व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और इसे वैश्विक संवाद का मंच बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया की कई समस्याएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि देश और समाज एक दूसरे से संवाद नहीं कर रहे। यह सम्मेलन देशों को एक दूसरे से सीखने और विचार साझा करने का अवसर देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना को अस्सी वर्ष हो चुके हैं, लेकिन उसकी प्रारंभिक घोषणाओं और आदर्शों की सार्थकता आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को उन पुराने आदर्शों के साथ ही नई वैश्विक चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, जिनमें साइबर सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, डेटा चोरी और वैश्विक आतंकवाद मुख्य हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक पुरानी कहावत है कि अगर आज किसी दूसरे के घर में आग लगी है और आप निश्चिंत बैठे हैं, तो कल वह आग आपके घर भी आ सकती है। कोविड महामारी ने दुनिया को यह कड़वा सच दिखाया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में डेटा चोरी गंभीर समस्या बन गई है। साइबर अपराध, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर दुनिया को संयुक्त रूप से आवाज उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और नभ जैसे प्राकृतिक तत्वों में विश्वास रखा है और इन्हें संरक्षित करने का प्रयास किया है। कोरोना महामारी के दौरान भारत ने एकजुट होकर जिस तरह काम किया, वह इसकी ताकत का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि न्याय हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान का आधार होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शक्तियां दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए अस्थिरता का माहौल बनाती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शिक्षा, पर्यावरण और वन संपदा की रक्षा के लिए कई लक्ष्य तय किए थे। इनमें शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और दुनिया में करीब ढाई सौ करोड़ बच्चे स्कूल बैग का भार ढो रहे हैं। इस बोझ को कम करने के प्रयास करने होंगे ताकि भविष्य की पीढ़ी स्वस्थ और मानसिक रूप से सक्षम बन सके।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत हजारों वर्षों से दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता रहा है। देश में ऐसा कोई मत, धर्म या संप्रदाय नहीं है जिसे भारत ने अपने संरक्षण में स्थान न दिया हो। उन्होंने कहा कि वह सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने इस सम्मेलन की शुरुआत कर वैश्विक एकता का संदेश दिया।

कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासभा से जुड़े कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वैश्विक एकता बनाए रखने की अपील की। छात्रों ने वसुधैव कुटुम्बकम पर प्रस्तुति दी और कई देशों की संस्कृतियों को दर्शाते हुए प्रदर्शन किया। सीएमएस की प्रबंधक गीता गांधी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित और शांतिपूर्ण दुनिया देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी दुनिया बदलने की क्षमता रखती है और एक दिन सकारात्मक बदलाव जरूर आएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और मुख्यमंत्री ने अतिथियों के साथ मिलकर राष्ट्रगान गाया। सम्मेलन के उद्घाटन से पहले उन्होंने स्कूल परिसर में स्थापित संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

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