News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

लखनऊ: रिंग रोड पर तेज रफ्तार कार रेलिंग तोड़कर गिरी, बाल-बाल बचे मजदूर

लखनऊ: रिंग रोड पर तेज रफ्तार कार रेलिंग तोड़कर गिरी, बाल-बाल बचे मजदूर

लखनऊ के विकास नगर में शनिवार सुबह एक तेज रफ्तार कार रिंग रोड पर पुल की रेलिंग तोड़कर नीचे गिरी, जिससे चालक गंभीर रूप से घायल हो गया, हालांकि बड़ा हादसा टल गया।

लखनऊ: आज शनिवार तड़के सुबह राजधानी लखनऊ के विकास नगर थाना क्षेत्र स्थित रिंग रोड पर शनिवार सुबह एक भयावह हादसे ने न सिर्फ लोगों की सांसें रोक दीं, बल्कि ट्रैफिक प्रबंधन और प्रशासनिक सतर्कता को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए। सुबह लगभग 5:30 बजे एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरी। घटना उस वक्त हुई जब पुल के नीचे दर्जनों की संख्या में मजदूर खुले में सो रहे थे। गनीमत यह रही कि कार सीधे मजदूरों के ऊपर नहीं गिरी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन कार चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा इतना जबरदस्त था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। हालांकि, कार में एयरबैग खुलने से चालक की जान बच सकी, लेकिन सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में उसे गहरी चोटें आईं। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि चालक सीट पर युवक बुरी तरह फंसा हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है, क्योंकि वह अभी भी अचेत अवस्था में है और उसके पास कोई पहचान पत्र भी नहीं मिला।

हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास मॉर्निंग वॉक कर रहे लोग और झोपड़ियों में सो रहे मजदूर जाग गए। घटनास्थल पर पहुंचे राहगीरों ने तुरंत मदद की और पुलिस को सूचना दी। लगभग दस मिनट के भीतर डायल 112 की गाड़ी मौके पर पहुंच गई और घायल को तत्काल नजदीकी अस्पताल भिजवाया गया। लेकिन इस दौरान स्थानीय थाना पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए। जिस क्षेत्र में यह दुर्घटना हुई, वह विकास नगर थाना क्षेत्र में आता है, इसके बावजूद वहां से कोई भी अधिकारी या सिपाही मौके पर नहीं पहुंचा। उल्टे, इंदिरा नगर थाने से एक अकेला सिपाही आया जिसने प्राथमिक कार्रवाई की।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद यह असमंजस की स्थिति बनी रही कि घटनास्थल किस थाना क्षेत्र में आता है—पावर हाउस चौकी या खुर्रम नगर चौकी? इस भ्रम के चलते पुलिस की तरफ से समय पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि इसी असमंजस के बीच घायल युवक करीब 15 मिनट तक बिना किसी प्राथमिक चिकित्सा के तड़पता रहा। यदि डायल 112 की टीम समय पर नहीं पहुंचती, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

कार गिरने के बाद रिंग रोड पर कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया। आश्चर्य की बात यह रही कि ऐसी आपात स्थिति में भी ट्रैफिक पुलिस कहीं नजर नहीं आई। स्थानीय लोगों और राहगीरों ने स्वयं यातायात को नियंत्रित करने का प्रयास किया। मजदूरों का कहना है कि वे वर्षों से पुल के नीचे ठहरते आ रहे हैं, लेकिन आज तक प्रशासन ने न तो सुरक्षा व्यवस्था की कोई पहल की और न ही पुल की जर्जर रेलिंग या फुटपाथ की मरम्मत करवाई। उनका आरोप है कि यह हादसा प्रशासन की पूरी तरह से लापरवाही का नतीजा है।

घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों में आक्रोश का माहौल देखा गया। स्थानीय दुकानदार महेश यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “यह इलाका हाई ट्रैफिक ज़ोन में आता है। सुबह के वक्त यहाँ भारी भीड़ होती है, लेकिन पुलिस या ट्रैफिक विभाग की कोई उपस्थिति नहीं होती। न कोई स्पीड ब्रेकर है, न चेतावनी बोर्ड। गाड़ियाँ बेकाबू रफ्तार से दौड़ती हैं। आज तो किस्मत ने साथ दे दिया, लेकिन हर बार किस्मत भरोसे कब तक चलेंगे?”

लोगों ने मांग की है कि इस क्षेत्र में तत्काल ट्रैफिक कंट्रोल के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं, पुल की रेलिंग की मरम्मत करवाई जाए, और फुटपाथ व फुटओवर ब्रिज जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। फिलहाल घायल युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। वहीं, पुलिस प्रशासन की लापरवाही और चौकी क्षेत्र के विवाद को लेकर अब स्थानीय लोगों ने उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

LATEST NEWS