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लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन पर अनदेखी व पक्षपात का आरोप

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन पर अनदेखी व पक्षपात का आरोप

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रशासन पर मारपीट करने वालों को बचाने और पीड़ितों पर कार्रवाई का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।

लखनऊ विश्वविद्यालय में शनिवार को माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब कई छात्र संगठनों ने चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि परिसर में मारपीट और झगड़े की घटनाओं में शामिल कुछ छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता, जबकि जब पीड़ित छात्र शिकायत दर्ज कराने या विरोध जताने पहुंचते हैं तो पुलिस को बुला लिया जाता है। इस रवैये को लेकर छात्र संगठनों में गहरा आक्रोश है और उन्होंने कहा कि प्रशासन की असमान नीति छात्रों की सुरक्षा को कमजोर कर रही है।

प्रदर्शन में बीएपीएसए, एनएसयूआई, समाजवादी छात्र सभा और कई अन्य संगठनों के छात्र शामिल हुए। विरोध की शुरुआत टैगोर लाइब्रेरी से की गई जहां से छात्रों ने नारेबाजी करते हुए चीफ प्रॉक्टर कार्यालय तक मार्च निकाला। उसके बाद छात्र करीब दो घंटे तक कार्यालय के बाहर बैठकर लगातार नारे लगाते रहे। छात्रों ने आरोप लगाया कि परिसर में उनकी सुरक्षा की अनदेखी हो रही है और जो छात्र लड़ाई झगड़ा करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की बजाय पीड़ित छात्रों पर दबाव बनाया जाता है।

विरोध कर रहे छात्रों ने एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर भी शोध छात्र के साथ मारपीट का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब संबंधित प्रोफेसर का नाम अनुशासनहीनता के मामले में सामने आया हो। छात्रों को समझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन छात्र अपने स्थान से हटने को तैयार नहीं थे। समाजवादी छात्र सभा से जुड़े छात्रों ने प्रशासनिक भवन और वीसी कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया और स्पष्ट कहा कि जब तक दोषी प्रोफेसर माफी नहीं मांगते और प्रॉक्टोरियल बोर्ड से बर्खास्त नहीं किए जाते, आंदोलन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही ने परिसर में गुंडागर्दी को बढ़ावा दिया है। उनका कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड तक छात्रों पर दबाव बनाया जा रहा है और इससे छात्र खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। छात्रों ने मांग की कि आरोपी प्रोफेसर राहुल पांडेय, जो हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, सामने आकर छात्रों से माफी मांगें। छात्रों का दावा है कि प्रोफेसर पहले भी ऐसे व्यवहार कर चुके हैं और अब उनसे कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के शोध छात्र अभिषेक ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा छात्र को थप्पड़ मारना अत्यंत शर्मनाक घटना है। वह सहित कई शोध छात्र कुलपति से मिलकर इस घटना की जानकारी देने पहुंचे। उनका कहना है कि आरोपी प्रोफेसर को तुरंत प्रॉक्टोरियल बोर्ड से हटाया जाए और शोध छात्रा से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए बाध्य किया जाए। छात्रों ने यह भी कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर विश्वविद्यालय में अनुशासन, सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि वे समाधान मिलने तक शांत नहीं बैठेंगे और परिसर में सुरक्षित माहौल बहाल करने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

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