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जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया इस्तीफा, त्रासदियों की ली जिम्मेदारी

जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया इस्तीफा, त्रासदियों की ली जिम्मेदारी

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल की त्रासदियों, प्रशासनिक लापरवाहियों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने हाल के दिनों में प्रदेश में हुई कई दर्दनाक घटनाओं और प्रशासनिक लापरवाहियों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया है। इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति को भेज दिया गया है और अब आगे की प्रक्रिया केंद्र सरकार के स्तर पर तय की जाएगी।

मनोज सिन्हा का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में लगातार आपदाओं और अव्यवस्था की घटनाओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किश्तवाड़ जिले के चसोती गांव में हाल ही में हुए भूस्खलन और बादल फटने की घटना में एक ही परिवार के 11 लोगों की जान चली गई। स्थानीय निवासियों का आरोप था कि प्रशासन को पहले ही इलाके की संवेदनशील स्थिति के बारे में चेतावनी दी गई थी, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

इसी तरह, श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र माता वैष्णो देवी यात्रा भी प्रशासनिक कुप्रबंधन की भेंट चढ़ गई। पिछले सप्ताह भारी भीड़ और अव्यवस्था के बीच चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज ने यह साफ कर दिया कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। यह घटना न केवल श्रद्धालुओं के लिए त्रासदी साबित हुई, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण भी बनी।

इसके अलावा, जम्मू शहर और इसके बाहरी इलाकों में आई बाढ़ ने हालात और बिगाड़ दिए। सड़कों पर जलभराव, नालों की सफाई न होना और राहत कार्यों में देरी ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी स्पष्ट तौर पर नजर आई। इस दौरान हजारों लोग प्रभावित हुए और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मनोज सिन्हा का इस्तीफा इन घटनाओं के बाद जनता और विपक्ष के बढ़ते दबाव की परिणति है। हालांकि, अपने कार्यकाल में उन्होंने कई विकास परियोजनाओं और निवेश योजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन हाल की घटनाओं ने उनकी छवि और प्रशासन दोनों पर गहरा असर डाला।

अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए नया उपराज्यपाल किसे नियुक्त करती है और आने वाले दिनों में हालात को सुधारने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाई जाती है। फिलहाल प्रदेश की जनता इस बात को लेकर आशान्वित है कि नया नेतृत्व त्रासदियों से सबक लेकर बेहतर और संवेदनशील प्रशासन देने का प्रयास करेगा।

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