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मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर साधा निशाना, OBC SC ST के प्रति दोहरे रवैये का लगाया आरोप

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर साधा निशाना, OBC SC ST के प्रति दोहरे रवैये का लगाया आरोप

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ओबीसी एससी एसटी समुदायों के प्रति दोहरे रवैये व वास्तविक हितचिंतन के अभाव का आरोप लगाया है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) के माध्यम से एक विस्तृत बयान जारी करते हुए कांग्रेस और भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन दोनों पर ओबीसी, एससी और एसटी समुदायों के प्रति दोहरे रवैये और वास्तविक हितचिंतन के अभाव का आरोप लगाया। मायावती के इस वक्तव्य को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस हालिया बयान के संदर्भ में देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस से जातीय जनगणना न कराना एक बड़ी गलती रही और उन्होंने वादा किया कि अब वे इस दिशा में दोगुनी गति से काम करेंगे।

मायावती ने कांग्रेस पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ओबीसी समाज की कभी भी भरोसेमंद पार्टी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कथनों और कृत्यों में हमेशा विरोधाभास रहा है—"दिल में कुछ और, जुबान पर कुछ और"। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को भी इसी श्रेणी में रखते हुए स्वार्थपरक राजनीति की संज्ञा दी। उनके अनुसार, यह कोई नई बात नहीं है बल्कि कांग्रेस की वही पुरानी नीति है जिसने वर्षों तक ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों को हाशिए पर रखा।

बसपा प्रमुख ने अपने बयान में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा और एनडीए गठबंधन पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों की कार्यप्रणाली भी ओबीसी, एससी और एसटी समाज के लिए उतनी ही भ्रमित करने वाली और लाभविहीन रही है। मायावती ने आरोप लगाया कि ये दोनों प्रमुख राजनीतिक खेमे इन वर्गों को सिर्फ चुनावी लाभ के लिए याद करते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।

उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के बाद चार दशकों तक ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया, जबकि एससी/एसटी वर्गों के लिए आरक्षण लागू होने के बावजूद इन वर्गों के लिए तय सरकारी नौकरियों के पद भरने में हमेशा टालमटोल की गई, जिससे इन वर्गों के बैकलॉग की स्थिति विकराल हो गई। मायावती के अनुसार, यह जातिवादी सोच अब भी जारी है और सरकारें इन मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं।

बसपा प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस ने देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा, जो उसकी दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों के आलोक में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल ओबीसी, एससी और एसटी समाज की सच्ची हितैषी नहीं हैं। मायावती ने आरोप लगाया कि इन जातिवादी दलों ने मिलकर आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को निष्क्रिय और अप्रभावी बनाने का काम किया है।

अपने बयान के अंतिम हिस्से में मायावती ने बसपा की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहते हुए बहुजन समाज, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के हितों की न केवल रक्षा की बल्कि सर्वसमाज के गरीबों और वंचितों को भी सम्मान और सुरक्षा प्रदान की। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बसपा ही इन वर्गों के लिए 'आयरन गारंटी' है, और उन्हें कांग्रेस, सपा या अन्य विरोधी दलों के झांसे में नहीं आना चाहिए।

मायावती ने यह अपील करते हुए कि दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज के लोग तथाकथित धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्याय के नाम पर राजनीति करने वाले दलों के ‘घड़ियाली आंसुओं’ में न बहें, उन्हें अपनी राजनीतिक चेतना का इस्तेमाल करते हुए बसपा को मजबूत करने की सलाह दी। उनके अनुसार, बहुजन समाज की सच्ची तरक्की और सम्मान तभी संभव है जब वह अपनी अलग सशक्त राजनीतिक पहचान को बनाए रखे और किसी भी सत्ताधारी दल की झूठी नीतियों और वादों से सावधान रहे।

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