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मिर्जापुर: साइबर ठगों ने किया 300 बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन, पुलिस भेजेगी ईडी को पत्र

मिर्जापुर: साइबर ठगों ने किया 300 बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन, पुलिस भेजेगी ईडी को पत्र

मिर्जापुर में साइबर ठगों ने सैकड़ों खातों से करोड़ों का लेनदेन किया, पुलिस ने गहन जांच के लिए ईडी को पत्र भेजा।

मिर्जापुर: जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र में साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय प्रशासन और बैंकिंग व्यवस्था दोनों को चौंका दिया है। जांच में सामने आया है कि साइबर ठगों ने ठगी के रुपये अलग-अलग व्यक्तियों के बैंक खातों में मंगाकर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया। पुलिस ने अब इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को पत्र भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।

मामले की शुरुआत तब हुई जब देहात कोतवाली पुलिस ने दिलीप विश्वकर्मा की तहरीर पर सात नामजद आरोपियों के खिलाफ साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज किया। यह मुकदमा पांच अक्तूबर को दर्ज हुआ था। जांच के दौरान पुलिस को करीब 300 बैंक खातों का पता चला, जिनमें चार करोड़ रुपये तक की राशि जमा और निकाली गई। इन खातों के माध्यम से धनराशि को तेजी से एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित किया गया ताकि ठगी की रकम का स्रोत छिपाया जा सके।

देहात कोतवाली प्रभारी अमित मिश्रा ने बताया कि अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कुछ खातों में 12 करोड़ रुपये तक का लेन-देन पाया गया है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी संदीप पटेल के दो बैंक खातों में भारी रकम के लेन-देन का खुलासा हुआ है। इसके अलावा अन्य खातों में भी करोड़ों रुपये की गतिविधि पाई गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों में से तीन व्यक्ति जांच शुरू होने के बाद दुबई भाग गए, जबकि बाकी आरोपी भी अपने घरों से फरार हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मिर्जापुर पुलिस ने ईडी को पत्र भेजकर पूरे मामले से अवगत कराने का निर्णय लिया है, ताकि वित्तीय लेन-देन और अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की गहराई से जांच की जा सके। पुलिस को संदेह है कि यह ठगी नेटवर्क देश के कई हिस्सों में सक्रिय हो सकता है।

इस बीच, जांच के दौरान एक नया मोड़ तब आया जब चुनार क्षेत्र के पूरनपट्टी गांव के पास राजमार्ग संख्या 74 के किनारे कई बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक और रजिस्टर फेंके हुए मिले। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ये सभी वस्तुएं उसी साइबर ठगी गिरोह से संबंधित हैं जिसके खिलाफ देहात कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। चुनार की सीओ मंजरी राव ने इसकी पुष्टि की और बताया कि दस्तावेजों को देहात कोतवाली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिया गया है।

चुनार थानाध्यक्ष विजय शंकर पटेल ने बताया कि एक अन्य तहरीर मीनू सिंह नाम की महिला ने दी है, जिसका पहले से ही बंगलुरु के केंद्रीय अपराध पुलिस स्टेशन (पूर्व डिविजन) में मुकदमा दर्ज है। बंगलुरु पुलिस वहां से संबंधित ठगी नेटवर्क की जांच कर रही है। दोनों मामलों के बीच कड़ी जुड़ने की संभावना जताई जा रही है।

पुलिस अब बैंकिंग सिस्टम और साइबर सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के साथ मिलकर इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला न केवल साइबर ठगी का बल्कि वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा से जुड़ी लापरवाही का भी उदाहरण है। बैंक खातों में इतनी बड़ी राशि के आने-जाने के बावजूद किसी भी बैंक अधिकारी को भनक न लगना कई सवाल खड़े करता है।

इस मामले ने जिले में हड़कंप मचा दिया है और अब प्रशासन हर स्तर पर कार्रवाई की तैयारी में है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ईडी की जांच शुरू होने के बाद इस गिरोह के तार कहां तक जुड़े हैं, यह स्पष्ट हो जाएगा।

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