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मिर्जापुर: जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, 14 अधिकारियों का वेतन रोका गया

मिर्जापुर: जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, 14 अधिकारियों का वेतन रोका गया

मिर्जापुर में जिलाधिकारी ने जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर 14 अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया, सख्त कार्रवाई की चेतावनी।

मिर्जापुर जिले में बुधवार को हुई समीक्षा बैठक ने कई अधिकारियों की लापरवाही को उजागर कर दिया। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कलेक्ट्रेट सभागार में आईजीआरएस यानी जन शिकायत निवारण प्रणाली की समीक्षा की। बैठक के दौरान सामने आया कि कई अधिकारियों ने भूमि विवाद और अवैध कब्जों से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता की कमी रही और शासन स्तर पर शिकायतकर्ताओं से लिए गए फीडबैक में भी असंतोष सामने आया। इसके चलते जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए 14 अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि शासन अब निस्तारित शिकायतों पर सीधे शिकायतकर्ताओं से मोबाइल फोन के माध्यम से फीडबैक ले रहा है। यदि शिकायतकर्ता असंतुष्ट मिलता है तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी कि शिकायतों के समाधान में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी शिकायतों का निस्तारण पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से करना अनिवार्य है।

जिन अधिकारियों का वेतन रोका गया है उनमें जिला समाज कल्याण अधिकारी राम विलास यादव, जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम, अधिशासी अभियंता विद्युत खंड एक मनीष कुमार श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता विद्युत खंड दो योगेश कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत खंड तीन सुपुष्प कुमार, अधिशासी अभियंता नेशनल हाइवे देवेंद्र पाल सिंह, औषधि निरीक्षक संतोष कुमार पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी सीखड़ मुकेश कुमार राय, सब रजिस्ट्रार शुभाकर प्रसाद पांडेय, सहायक श्रमायुक्त सतीश कुमार, जिला कमांडेंट होमगार्ड विंध्याचल पाठक, जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजीव कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला चिकित्सालय संजय पांडेय और उप निदेशक निर्माण मंडी परिषद सुरेंद्र कुमार वर्मा शामिल हैं।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कई शिकायतों में अधिकारियों का रवैया ढीला पाया गया है, खासकर भूमि विवाद और अवैध कब्जों जैसे संवेदनशील मामलों में। इन शिकायतों का समय से और सही ढंग से निस्तारण न होने से शासन की छवि प्रभावित होती है और आम जनता का भरोसा भी कमजोर होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि आगे से किसी भी अधिकारी को ढिलाई करते पाया गया तो वेतन रोकने से भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अजय कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी कलेक्टर संजीव यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने सभी को निर्देश दिया कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं और प्रत्येक शिकायत का समाधान निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण तरीके से करें ताकि शिकायतकर्ता को न्याय मिल सके और शासन की मंशा पूरी हो सके।

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