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मिर्जापुर का नाम विंध्याचल धाम करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास, जनता में हर्षौल्लास

मिर्जापुर का नाम विंध्याचल धाम करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास, जनता में हर्षौल्लास

प्रभारी मंत्री नंदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मिर्जापुर का नाम 'विंध्याचल धाम' करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया, अब यह मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।

मिर्जापुर: मां आदिशक्ति की नगरी में गुरुवार को आयोजित जिला प्रशासनिक समन्वय समिति और कोर कमेटी की विस्तृत बैठक ने एक ऐतिहासिक मोड़ ले लिया। प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिले का नाम बदलकर ‘विंध्याचल धाम’ करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव को अब आधिकारिक प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजने का निर्णय लिया गया है। जिले की पहचान और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए इस पहल को क्षेत्र की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

अष्टभुजा निरीक्षण गृह में हुई बैठक के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष और नगर पालिकाध्यक्ष ने मिर्जापुर के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा, जिसे समिति के सभी सदस्यों ने समर्थन दिया। विंध्याचल शक्तिपीठ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता का हवाला देते हुए इसे जिले की नई पहचान बनाने की बात कही गई। मंत्री नंदी ने कहा कि क्षेत्र की आध्यात्मिक आस्था और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए यह प्रस्ताव महत्वपूर्ण साबित होगा। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने भी इस परिवर्तन से प्रशासनिक व्यवस्था में होने वाले संभावित लाभों और आवश्यक तैयारियों पर सहमति जताई।

बैठक केवल नाम परिवर्तन के प्रस्ताव तक सीमित नहीं रही, बल्कि जिले से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर भी विस्तृत समीक्षा की गई। प्रभारी मंत्री ने विभागों में समयबद्ध निस्तारण, शिथिलता पर कड़ी निगरानी और सरकारी योजनाओं को पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। राजगढ़ क्षेत्र में अवैध शराब, गांजा और स्मैक की बिक्री की शिकायतों पर उन्होंने पुलिस और आबकारी विभाग को तुरंत संयुक्त अभियान चलाने का आदेश दिया। दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने और संबंधित थानाध्यक्षों व बीट सिपाहियों की जवाबदेही तय करने को कहा गया।

इस दौरान बिजली विभाग के विजिलेंस इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप सामने आए, जिस पर मंत्री नंदी ने अधीक्षण अभियंता को तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। उपभोक्ताओं की समस्याओं को देखते हुए बिजली बिलों की ओवररेटिंग की शिकायतों को भी तत्काल प्रभाव से सुधारने का आदेश दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि उपभोक्ताओं के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मनरेगा भुगतान, मंदिर विकास, गंगा कटान समस्या, वन क्षेत्र सीमांकन और ग्रामीण बुनियादी ढांचा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने जानकारी दी कि हालिया बाढ़ में प्रभावित करीब 50 हजार किसानों को मुआवजा भेजा जा चुका है, जबकि फसल बीमा योजना के तहत नौ करोड़ रुपये किसानों के खातों में हस्तांतरित किए गए हैं।

प्रभारी मंत्री ने कुछ थानों में कार्यकर्ताओं और पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतों पर कड़ी नाराजगी जताई और ऐसे थानाध्यक्षों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर में नियमित पैदल गश्त बढ़ाने, बाजारों में पुलिस उपस्थिति मजबूत करने और सड़कों की मरम्मत तथा गड्ढा-मुक्त अभियान की निरंतर समीक्षा करने को कहा।

बैठक में जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। प्रशासनिक स्तर पर लिए गए इन निर्णयों को जिले के विकास और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जबकि ‘विंध्याचल धाम’ नाम प्रस्ताव ने स्थानीय जनता में नई चर्चा और उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है।

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