नेपाल में लगातार बढ़ रही अशांति और हिंसक स्थिति के बीच एक अहम राजनीतिक पहल सामने आई है। आंदोलनकारी जेन जेड समूह ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया है। कार्की ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और वर्चुअल बैठक में उन्हें 2500 लोगों का समर्थन भी प्राप्त हुआ है। बैठक में करीब 500 लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया, जबकि व्यापक स्तर पर उनके पक्ष में सहमति व्यक्त की गई।
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर, नेपाल में हुआ था। वह नेपाल के न्यायिक इतिहास में एकमात्र महिला हैं जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। 11 जुलाई 2016 को वह इस पद पर आसीन हुईं और 2017 तक उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाया। उनका नाम न केवल न्यायपालिका के क्षेत्र में बल्कि अब राजनीति में भी निर्णायक भूमिका निभाने की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
कार्की की शैक्षिक पृष्ठभूमि भी काफी सशक्त रही है। उन्होंने 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर, विराटनगर से कला स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्ष 1975 में बीएचयू से एमए पूरा करने के बाद वह नेपाल लौटीं और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से 1978 में कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा के दौरान उनका काशी से गहरा रिश्ता बना और यहीं रहते हुए उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई, जिनसे उन्होंने बाद में विवाह किया। कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी संतान हैं और विराटनगर के प्रतिष्ठित कार्की परिवार से संबंध रखती हैं।
उनका करियर कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा रहा है। 30 अप्रैल 2017 को माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस ने संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि यह प्रस्ताव जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण वापस लेना पड़ा। न्यायपालिका में अपने कार्यकाल के दौरान कार्की ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए जिनमें काठमांडू निजगढ़ फास्ट ट्रैक, सरोगेसी और ऑस्ट्रेलिया में पालीमर बैंक नोट छपाई मामले से जुड़े निर्णय प्रमुख रहे। उनकी कार्यशैली अक्सर कम्युनिस्ट सरकारों के लिए असहज स्थिति पैदा करती रही।
आज जब नेपाल हिंसक अस्थिरता और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है, ऐसे समय में उनके नाम का प्रस्ताव होना एक बड़े राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम केवल अस्थायी नेतृत्व का नहीं बल्कि देश को स्थिरता की ओर ले जाने की उम्मीद भी जगाता है। सुशीला कार्की का न्यायिक अनुभव, उनकी सख्त कार्यशैली और शैक्षिक पृष्ठभूमि उन्हें नेपाल की मौजूदा परिस्थिति में एक उपयुक्त नेतृत्वकारी चेहरा बनाती है।
नेपाल की उथल पुथल के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित

नेपाल की अशांति के बीच, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सुशीला कार्की ने जेन जेड समूह का अंतरिम प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव स्वीकार किया।
Category: international nepal politics
LATEST NEWS
-
बीएचयू छात्रा ऐशिकी सेन ने CAT में 99.18 परसेंटाइल लाकर हासिल की बड़ी सफलता
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा ऐशिकी सेन ने CAT 2025 में 99.18 परसेंटाइल प्राप्त कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की।
BY : Palak Yadav | 26 Dec 2025, 11:11 AM
-
वाराणसी: कड़ाके की ठंड और कोहरे से स्कूलों पर शीत प्रहार, 26 दिसंबर को अवकाश
वाराणसी में कड़ाके की ठंड व कोहरे के चलते जिला प्रशासन ने 26 दिसंबर को नर्सरी से कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए अवकाश घोषित किया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 25 Dec 2025, 09:52 PM
-
वाराणसी: बड़ागांव- सरेराह ताबड़तोड़ फायरिंग में 10वीं के छात्र की मौत, दहशत में ग्रामीण
वाराणसी के बड़ागांव में बाइक सवार बदमाशों ने सरेराह फायरिंग कर 10वीं के छात्र की हत्या की, दो अन्य घायल।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 25 Dec 2025, 09:01 PM
-
बांग्लादेश: राजबाड़ी में हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या, अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत
बांग्लादेश के राजबाड़ी में उन्मादी भीड़ ने जबरन वसूली के आरोप में हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल है।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 25 Dec 2025, 08:30 PM
-
वाराणसी: सुशासन दिवस पर रामनगर में गूंजा भारत रत्न अटल के त्याग और तपस्या का इतिहास
वाराणसी के रामनगर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई, जहाँ उनके आदर्शों को याद किया गया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 25 Dec 2025, 07:24 PM
