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पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव गहराया, पाकिस्तान ने लगाए आरोप, तालिबान की चेतावनी

पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव गहराया, पाकिस्तान ने लगाए आरोप, तालिबान की चेतावनी

पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर आतंकी घुसपैठ में मदद का आरोप लगाया, वहीं तालिबान ने सीमा उल्लंघन पर कड़ी चेतावनी दी है।

नई दिल्ली : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर गहरा गया है। दोनों देशों की सीमाओं पर लंबे समय से बनी असहज स्थिति अब खुलकर आरोप और चेतावनियों के रूप में सामने आ रही है। पाकिस्तान की सेना ने दावा किया है कि अफगान तालिबान आतंकियों को सीमा पार घुसपैठ कराने में मदद कर रहा है। इस आरोप के साथ पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने शुक्रवार शाम एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि सीमा के निकट कई बार गोलीबारी और हमलों की घटनाएं सामने आई हैं जिनका मकसद आतंकियों को पाकिस्तान में प्रवेश दिलाना है। पाकिस्तानी सेना का आरोप है कि समन्वित हमलों के जरिए आतंकियों और तस्करों को सीमा पार करने में सहायता मिल रही है, जबकि सीमा सुरक्षा को सख्त बनाने के बावजूद इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

इस बीच अफगान तालिबान ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है। तालिबान के उपप्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर ने एक समारोह में कहा कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्र में किसी भी तरह के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा कि अफगानों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए और अफगानिस्तान की भूमि को बुरी नीयत से न देखा जाए। बरादर का बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और स्पष्ट करता है। उनका कहना है कि अफगान सेना किसी भी दुश्मनी भरी कार्रवाई का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और सीमा की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने यह भी कहा कि पूरी सीमा को पूरी तरह सील करना संभव नहीं है, खासकर उन इलाकों में जहां पहाड़ी भूगोल और निर्जन क्षेत्र चुनौती पैदा करते हैं। इसी वजह से पाकिस्तान में घुसपैठ की घटनाओं पर नियंत्रण अभी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सरकार पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने का आरोप लगाया है, जबकि अफगानिस्तान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंध दक्षिण एशिया की सुरक्षा परिस्थितियों को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि सीमा पर बढ़ते संघर्ष से व्यापार, आवाजाही और सुरक्षा तंत्र पर सीधे असर पड़ सकता है। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं उच्च सतर्कता की स्थिति में हैं और राजनीतिक संवाद एक बार फिर अनिश्चितता में फंस गया है। क्षेत्रीय शांति की कोशिशों को इस तनाव ने और कठिन बना दिया है।

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