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प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन: कल से जीएसटी बचत उत्सव की होगी शुरुआत, आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन: कल से जीएसटी बचत उत्सव की होगी शुरुआत, आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

पीएम मोदी ने 'नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी' व 'बचत उत्सव' की घोषणा कर आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी पर जोर दिया, कहा- देश नए युग में बढ़ रहा है।

लनई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए आर्थिक सुधार, आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान पर जोर दिया। अपने 20 मिनट के संबोधन में उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में भारत एक नए युग की ओर कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 22 सितंबर की सुबह से "नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी" लागू हो जाएगा, जिसके साथ ही देशभर में "जीएसटी बचत उत्सव" की शुरुआत होगी।

मोदी ने कहा कि यह उत्सव सिर्फ टैक्स सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा फायदा आम जनता से लेकर उद्योग जगत तक सभी वर्गों को मिलेगा। उन्होंने अपील की कि लोग वही सामान खरीदें जिसे देशवासियों के परिश्रम और पसीने से बनाया गया हो। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि "स्वदेशी" ही भारत की समृद्धि का मूल मंत्र है और हमें इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 2014 में जब उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया था, तब देश का टैक्स ढांचा बेहद जटिल था। लाखों कंपनियां अलग-अलग करों के बोझ तले दबती थीं, जिसका सीधा असर गरीबों पर पड़ता था। "वन नेशन, वन टैक्स" का सपना उसी समय से उनकी प्राथमिकता बन गया। लगातार संवाद और राज्यों के साथ समन्वय के बाद जीएसटी लागू हुआ और अब इसका अगला संस्करण लोगों के जीवन को और सरल तथा किफायती बनाएगा।

प्रधानमंत्री ने गरीब और मध्यमवर्ग की बदलती स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीते 11 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और "न्यू मिडिल क्लास" का निर्माण हुआ है। इस वर्ग की आकांक्षाओं को देखते हुए सरकार ने इस वर्ष 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर बड़ा राहत पैकेज दिया है। अब जीएसटी दरों में कमी से आम लोगों के लिए घर, गाड़ी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे उनकी बचत भी बढ़ेगी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) की भूमिका पर भी उन्होंने विशेष बल दिया। मोदी ने कहा कि भारत के विकास की रीढ़ MSME सेक्टर ही है। जब भारत तरक्की के शिखर पर था, तब उसकी नींव मजबूत घरेलू उद्योग ही थे। अब जीएसटी में छूट और सरल प्रक्रियाओं से छोटे उद्योगों की बिक्री बढ़ेगी, टैक्स बोझ घटेगा और उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने अपेक्षा जताई कि MSME भारत को वैश्विक स्तर पर पुनः गौरव दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे स्वदेशी आंदोलन को गति देने के साथ-साथ निवेश और मैन्युफैक्चरिंग के लिए अनुकूल माहौल तैयार करें। केंद्र और राज्य जब साथ मिलकर काम करेंगे तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। मोदी ने कहा, "हमें रोजमर्रा की विदेशी चीजों से मुक्ति पानी है और मेड इन इंडिया उत्पादों को अपनाना है। हर घर स्वदेशी का प्रतीक बने, हर दुकान स्वदेशी से सजे और हर भारतीय गर्व से कहे – मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।"

प्रधानमंत्री का यह संबोधन देशवासियों के बीच आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वदेशी गर्व की भावना को जागृत करने वाला रहा। अब 22 सितंबर से शुरू होने वाला "जीएसटी बचत उत्सव" न सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब को राहत देगा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित होगा।

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