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अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि मंदिर शिखर पर पीएम मोदी ने फहराई धर्म ध्वजा, कानपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने बनाई

अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि मंदिर शिखर पर पीएम मोदी ने फहराई धर्म ध्वजा, कानपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने बनाई

अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फहराई गई धर्म ध्वजा आधुनिक तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले पैराशूट फैब्रिक से निर्मित है, जो लंबे समय तक प्रतिकूल मौसम से सुरक्षित रहेगी.

अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फहराई गई धर्म ध्वजा इन दिनों विशेष चर्चा में है. इस ध्वजा को आधुनिक तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले फैब्रिक और सटीक परीक्षण प्रक्रिया के आधार पर तैयार किया गया है ताकि यह लंबे समय तक सुरक्षित रह सके और प्रतिकूल मौसम का भी असर इस पर न पड़े. मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार इस ध्वजा की सामग्री को प्रयोगशाला में जांचा गया और सभी परिणाम मानकों के अनुरूप आने के बाद ही इसके निर्माण में प्रयुक्त कपड़े को अंतिम रूप दिया गया. यह ध्वजा पैराशूट फैब्रिक से बनी है जो हल्की होने के साथ साथ मजबूत भी है, जिससे इसे मंदिर के ऊंचे शिखर तक ले जाकर फहराना बेहद आसान हो गया.

धर्म ध्वज 18 फीट लंबा और नौ फीट ऊंचा है और इसका वजन लगभग दो किलोग्राम है. ध्वजा पर कोविदार वृक्ष तथा सूर्य के भीतर ओम का चिह्न अंकित है जो परंपरा और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. इस ध्वजा को देश की प्रतिष्ठित डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की आयुध पैराशूट फैक्ट्री कानपुर ने तैयार किया है. यह संस्थान रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और देश तथा विदेश में उच्च गुणवत्ता वाले पैराशूट निर्माण के लिए विख्यात है. निर्माण इकाई ओपीएफ के अनुभवी कर्मचारियों ने पूरी सात्विकता के साथ ध्वजा को तैयार किया और यह सुनिश्चित किया कि इसकी मजबूती, रंग और कपड़े की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहे.

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को कम वजन और अधिक मजबूती वाली ध्वजा की आवश्यकता थी जिसे जीआईएल ने पूरी तरह पूरा किया. इस ध्वजा में विभिन्न प्रकार के कपड़ों, टेप और धागों का संयोजन किया गया है ताकि यह हवा, धूप, बारिश और वातावरण के अन्य प्रभावों से सुरक्षित रह सके. विशेषज्ञों के अनुसार विशेष तकनीक और फैब्रिक की वजह से यह ध्वजा तीन से चार वर्ष तक बिना किसी क्षति के सुरक्षित रहेगी. पैराशूट कपड़े की संरचना इसे लचीला बनाती है और तेज हवाओं में भी इसे नुकसान नहीं पहुंचने देती.

इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जीआईएल की टीम ने लगातार काम किया और मात्र दो सप्ताह में ध्वजा को तैयार कर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया. ट्रस्ट सूत्रों का कहना है कि 18 नवंबर को ही यह ध्वजा ट्रस्ट को प्रदान की गई थी जिसे मंगलवार को ध्वजारोहण के लिए मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस रक्षा उपक्रम की तकनीकी क्षमता और समय पर कार्य पूरा करने की प्रशंसा की. संस्थान के सीएमडी एमसी बालासुब्रमण्यम ने बताया कि यह संगठन हमेशा राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित रहा है और राम मंदिर के लिए ध्वजा तैयार करना उनके लिए गर्व की बात है.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस ध्वजा में उपयोग किए गए उत्पाद इसे लंबे समय तक चमकदार और टिकाऊ बनाए रखेंगे. उच्च गुणवत्ता वाले फैब्रिक, विशेष रंग और तकनीक के संयोजन ने इसे एक विशिष्ट और प्रतीकात्मक ध्वज बना दिया है जो आने वाले वर्षों तक मंदिर की शान बढ़ाता रहेगा. इस ध्वजा की मजबूती और संरचना इस बात का प्रमाण है कि यह धूप और बारिश के कठोर प्रभावों को भी सहजता से झेल सकेगी और अपनी गुणवत्ता को बनाए रखेगी.

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