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मालदीव: पीएम मोदी का ऐतिहासिक स्वागत, रक्षा मंत्रालय भवन पर लगी तस्वीर

मालदीव: पीएम मोदी का ऐतिहासिक स्वागत, रक्षा मंत्रालय भवन पर लगी तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मालदीव में ऐतिहासिक और भव्य स्वागत हुआ, रक्षा मंत्रालय भवन पर लगी उनकी तस्वीर ने विशेष ध्यान खींचा।

मालदीव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा ने इतिहास रच दिया है। माले पहुंचने पर जिस गर्मजोशी और सम्मान से उनका स्वागत हुआ, उसने न केवल कूटनीतिक संबंधों में नई ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि भारत-मालदीव मैत्री को नई दिशा भी दी। इस स्वागत की सबसे खास बात रही। मालदीव के रक्षा मंत्रालय भवन पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर का प्रदर्शन, जिसे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने एक राजनीतिक प्रतीक के रूप में देखा है।

माले के हृदय स्थल में स्थित Dhoshimeyna Building मालदीव के नए रक्षा मंत्रालय परिसर की भव्य दीवार पर प्रधानमंत्री मोदी की एक विशाल तस्वीर लगाई गई है। यह वही इमारत है जिसे भारत के सहयोग से बनाया गया है, और जिसकी उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। इमारत की 11 मंज़िला संरचना आधुनिक सुरक्षा व्यवस्थाओं से लैस है, और इसका निर्माण भारत द्वारा दी गई सहायता के तहत किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में मालदीव की राजधानी माले में गार्ड ऑफ ऑनर, 21 तोपों की सलामी, राष्ट्रगान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वागत समारोह आयोजित किया गया। Republic Square में आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में ‘वंदे मातरम’ और मालदीव की लोकधुनों पर नृत्य प्रस्तुत किया। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू स्वयं प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए उपस्थित रहे। यह दृश्य दोनों देशों के बदलते रिश्तों की कहानी कहता है।

यह वही राष्ट्रपति मुइज्जू हैं जिन्होंने चुनाव से पहले ‘India Out’ अभियान का नेतृत्व किया था और भारतीय सेना की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे। लेकिन बीते महीनों में मालदीव की आर्थिक और सामरिक ज़रूरतों ने उन्हें भारत के करीब लाया है। इस यात्रा को उसी राजनयिक बदलाव का सशक्त संकेत माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय की दीवार पर मोदी की तस्वीर उसी बदलाव की प्रतीक बन गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर मालदीव को $565 मिलियन की क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की, जो बुनियादी ढांचे और रक्षा क्षमताओं के विकास में काम आएगी। साथ ही, दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर औपचारिक वार्ता शुरू करने का भी ऐलान किया है। इससे भारत-मालदीव व्यापार संबंधों में अभूतपूर्व विस्तार की उम्मीद की जा रही है।

रक्षा सहयोग के तहत भारत ने मालदीव को गश्ती नौकाएं, सैन्य प्रशिक्षण और सामुद्रिक निगरानी तंत्र देने का वादा दोहराया है। दोनों नेताओं ने इंडियन ओशियन रीजन (IOR) में स्थिरता बनाए रखने के लिए साझा संकल्प जताया।

मोदी की यात्रा को चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच एक रणनीतिक संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। हाल के वर्षों में चीन ने मालदीव में भारी निवेश किए हैं, जिससे क्षेत्रीय शक्ति संघर्ष की स्थिति बन गई थी। लेकिन भारत की ‘Neighbourhood First’ नीति और इस ऐतिहासिक स्वागत समारोह ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि मालदीव के लिए भारत अब भी एक भरोसेमंद साझेदार है।

मालदीव के रक्षा मंत्रालय पर लगी प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर महज़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक नवीन अध्याय की शुरुआत है। यह भारत की सॉफ्ट पावर और रणनीतिक प्रबलता का प्रतीक है। राष्ट्रपति मुइज्जू और प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच न केवल भू-राजनीतिक समीकरणों को स्थिर करेगी, बल्कि जनता के बीच विश्वास और मैत्री की भावना को भी और प्रगाढ़ करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मालदीव दौरा केवल कूटनीतिक यात्रा नहीं रहा, बल्कि यह क्षेत्रीय संबंधों के पुनर्निर्माण, आर्थिक सहयोग और सामरिक साझेदारी के नवनिर्माण का एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। रक्षा मंत्रालय पर लगी तस्वीर आने वाले वर्षों में भारत-मालदीव रिश्तों की गहराई की गवाही देती रहेगी।

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