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वाराणसी में प्रेस लिखी बिना नंबर प्लेट स्कूटी जब्त, फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई की मांग

वाराणसी में प्रेस लिखी बिना नंबर प्लेट स्कूटी जब्त, फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई की मांग

वाराणसी में पुलिस ने प्रेस लिखी बिना नंबर प्लेट की स्कूटी पकड़ी, चालक के पास दस्तावेज नहीं थे, फर्जी पत्रकारों पर सख्त कार्रवाई की मांग।

वाराणसी: शहर में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी कड़ी में थाना लालपुर-पांडेयपुर प्रभारी राजीव सिंह ने बुधवार को पांडेयपुर चौराहे पर चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध स्कूटी पकड़ी, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। स्कूटी पर बड़े अक्षरों में “प्रेस” लिखा हुआ था, लेकिन उस पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी।

थाना प्रभारी ने जब चालक को रोका और वाहन संबंधी दस्तावेज मांगे, तो चालक कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। पूछताछ में उसने बताया कि यह स्कूटी उसने किसी अन्य पत्रकार से खरीदी है। गाड़ी का नंबर और स्वामित्व संबंधी प्रमाण न दे पाने पर पुलिस ने स्कूटी को थाने भेजकर जांच शुरू कर दी है।

थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि “प्रेस” शब्द का उपयोग बहुत गंभीर जिम्मेदारी का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर फर्जी पत्रकार बनकर पुलिस, प्रशासन या जनता को गुमराह करते हैं। ऐसे लोग असली पत्रकारों की साख को नुकसान पहुंचाते हैं और समाज में भ्रम फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में अब सख्त जांच और कानूनी कार्रवाई जरूरी है ताकि पत्रकारिता की गरिमा और विश्वसनीयता बनी रहे।

इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और पत्रकार संगठनों ने भी फर्जी प्रेस पहचानपत्र धारकों और प्रेस लिखे वाहनों की गहन जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि कुछ व्यक्ति बिना किसी मान्यता या मीडिया हाउस से संबंध के “प्रेस” लिखे वाहन चलाकर अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसे फर्जी तत्वों की पहचान कर कार्रवाई करने से न केवल असली पत्रकारों की प्रतिष्ठा बचेगी बल्कि समाज में पुलिस की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

पुलिस ने बताया कि पकड़ी गई स्कूटी के दस्तावेज और स्वामित्व की जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या वाहन का किसी फर्जी प्रेस कार्ड नेटवर्क या किसी अवैध गतिविधि से संबंध है।

इस बीच थाना प्रभारी राजीव सिंह ने क्षेत्र में अतिक्रमण हटवाने और यातायात व्यवस्था सुधारने का अभियान भी चलाया। सड़क किनारे लगे अवैध ठेले और अतिक्रमण को हटवाया गया, जिससे आमजन को राहत मिली।

स्थानीय लोगों ने थाना प्रभारी की तत्परता की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाइयां उन फर्जी तत्वों के लिए कड़ा संदेश हैं, जो "प्रेस" का नाम लेकर कानून से ऊपर खुद को समझते हैं। समाज को ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है ताकि असली पत्रकारिता की गरिमा बनी रहे और पुलिस का सम्मान सुरक्षित रहे।

यह कार्रवाई न सिर्फ एक वाहन की जांच तक सीमित है, बल्कि यह पूरे शहर में फर्जी प्रेस पहचानपत्र धारकों के खिलाफ चेतावनी का प्रतीक बन गई है। पुलिस प्रशासन से अब मांग उठी है कि इस मामले की गहराई से जांच कर ऐसे सभी फर्जी पत्रकारों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए, ताकि कानून का भय और व्यवस्था दोनों कायम रहें।

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